पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने चुनाव आयोग पर निशाना साधा और बिहार में विशेष मतदाता सूची संशोधन को नेशनल रजिस्टर ऑफ़ सिटीज़न्स यानी एनआरसी से भी ख़तरनाक बता दिया। कांग्रेस और विपक्षी दलों ने भी इस फ़ैसले की तीखी आलोचना की है। तो सवाल है कि आखिर चुनाव आयोग के इस क़दम पर हंगामा क्यों मचा है?
मतदाता सूची में 'विशेष संशोधन' एनआरसी से भी ज़्यादा ख़तरनाक: विपक्ष
- राजनीति
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- 27 Jun, 2025
ममता बनर्जी और विपक्षी दलों ने मतदाता सूची में 'विशेष संशोधन' प्रक्रिया को एनआरसी से भी ज़्यादा ख़तरनाक क्यों बताया है? जानिए उनके आरोप क्या हैं, और इस प्रक्रिया का राजनीतिक असर क्या हो सकता है।

दरअसल, चुनाव आयोग ने बिहार की मतदाता सूची में विशेष गहन संशोधन यानी एसआईआर शुरू किया है। इस पर बिहार विधानसभा चुनावों से पहले विवाद शुरू हुआ है और विपक्ष का दावा है कि यह प्रक्रिया जानबूझकर मतदाताओं को बाहर करने और लोकतांत्रिक प्रक्रिया को कमजोर करने की कोशिश है। ममता ने इसे 'राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर को पिछले दरवाजे से लागू करने की साजिश' करार दिया है।