नागरिकता क़ानून के विरोध में प्रदर्शन जारी रहे या न रहे, लेकिन समर्थन में तो बीजेपी कम से कम एक महीने तक कई जगहों पर प्रदर्शन करेगी और रैलियाँ निकालेगी।
ऐसा क्या हो गया कि अयोध्या जैसे मुद्दे पर भी उत्तर प्रदेश में स्थिति सामान्य बनी रही लेकिन नागरिकता क़ानून पर प्रदर्शन हिंसात्मक हो गया? क्या बीजेपी चूक नहीं गई?
साल 2019 में बीजेपी केंद्र में मजबूत हुई, लेकिन वह राज्यों में कमज़ोर हुई और एक के बाद एक चुनाव हारती चली गई।
नेताजी सुभाषचंद्र बोस के पड़पोते और बीजेपी के ही नेता चंद्र कुमार बोस ने नागरिकता क़ानून का विरोध किया है। Satya Hindi
महाराष्ट्र, हरियाणा और झारखंड के चुनाव परिणाम से बीजेपी और मोदी सरकार को सचेत ज़रूर हो जाना चाहिए।
बीजेपी बड़े जोर-शोर से झारखंड की जीत का दावा कर रही थी लेकिन चुनाव परिणाम आने के बाद उसे सोचना होगा कि इतना विपरीत परिणाम क्यों आया है।
सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी ने फ़ैसला किया है कि वह नागरिकता क़ानून पर अपनी बात कहने के लिए अगले दस दिनों में 3 करोड़ लोगों से संपर्क साधेगी।
बीजेपी जिस तरह हर तरह की असहमति को कुचलने की कोशिश करती है, उसकी स्थिति कमज़ोर होती जा रही है। यह उसके ख़िलाफ़ जाएगा और बहुत नुक़सान पहुँचाएगा।
जिन पार्टियों ने पिछली बार नागरिकता संशोधन विधेयक का विरोध किया था, उनमें से कई का रुख बदला हुआ है। क्या बीजेपी इसे राज्यसभा मे भी पारित करवा लेगी?
महाराष्ट्र और हरियाणा के चुनाव नतीजों ने इस बात को साबित किया कि मोदी-शाह के नेतृत्व में बीजेपी अपराजेय नहीं है और उसे हराया जा सकता है।
बीजेपी ने जिस आरकेडब्लू डेवलपर्स से 10 करोड़ रुपए का चंदा लिया, उसके तार आतंकवादी इक़बाल मिर्ची से जुड़े हुए हैं।
चुनाव प्रचार में सिर्फ़ 'नमो नमो नमो' का मंत्रोच्चार करने वाले बीजेपी नेता विनीत अग्रवाल शारदा ने कहा है कि दिल्ली में प्रदूषण इसलिए बढ़ा है कि पाकिस्तान-चीन ने ज़हरीली गैस छोड़ी है।
बीजेपी के अध्यक्ष और गृह मंत्री अमित शाह क्यों कहते हैं कि इतिहास को फिर से लिखे जाने की ज़रूरत है? क्या वे इतिहास तथ्यों के आधार लिखवाना चाहते हैं या अपनी मनमर्जी से?
क्या बीजेपी और नरेंद्र मोदी सरकार देश की तमाम पार्टियों को ख़त्म करने की कोशिश में है? क्या उसकी कोशिश यह है कि पूरे देश में एक ही दल का शासन हो? सत्य हिन्दी के ख़ास कार्यक्रम 'आशुतोष की बात' में देखिए वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष का विश्लेषण।
प्रधानमंत्री मोदी ने 'ओम' और 'गाय' पर बयान दिया। क्या बीजेपी की राजनीति गाय और हिन्दुत्व को ही आगे बढ़ाने की है? गाय पर इतना ज़ोर क्यों है? बीजेपी के पास क्या दूसरी कोई उपलब्धि नहीं है? अर्थव्यवस्था पर बात क्यों नहीं? देखिए शैलेश की रिपोर्ट।
लोकसभा चुनाव से पहले 'पकौड़ा अर्थव्यवस्था' थी! अब कई राज्यों में विधानसभा चुनाव से पहले 'गाय-गोबर अर्थव्यवस्था' है! आर्थिक मोर्चे पर नाकामी क्या 'गाय-गोबर-गोमूत्र' से दूर हो पाएगी?
विधानसभा में पोर्न वीडियो देखने वाले लक्ष्मण सावदी को कर्नाटक का उपमुख्यमंत्री बनाया गया है। इनकी आम लोगों में ख़राब इमेज जाने के बाद भी बीजेपी ने उन्हें आगे क्यों बढ़ाया?
बीजेपी नेता मुकुल रॉय ने दावा किया है कि तृणमूल कांग्रेस, वाम दलों और कांग्रेस के 107 विधायक उनके संपर्क में हैं।
ममता बनर्जी क्या सिर्फ़ मुसलमान छात्रों के लिए स्कूलों में खाने का कमरा बनवा रही हैं? बीजेपी का तो यही कहना है। क्या है पूरा मामला?
बीजेपी चुस्त, कांग्रेस पस्त!
तेलुगू देशम पार्टी के चार सांसद बीजेपी में शामिल हो गए हैं। इनमें से दो सांसद ऐसे हैं जिन्हें कभी बीजेपी ने भ्रष्ट बताया था।
नरेंद्र मोदी ने दलितों को समर्थक बना लिया, अब मुसलमानों की बारी है। 2019 में दोबारा प्रधानमंत्री बनते ही मोदी ने मुसलमानों को अपनी तरफ़ करने की कोशिश के मंसूबे का एलान कर दिया है।
बीजेपी के (अमित) शाह! देखिये वरिष्ठ पत्रकार शैलेश के साथ
अमित शाह क्या गृह मंत्री के साथ बीजेपी अध्यक्ष के पद पर भी बने रहेंगे? इसे लेकर अटकलें लगाई जा रही थीं। शाह के और 6 महीने तक अध्यक्ष बने रहने की संभावना है।
लोकसभा चुनाव 2019 में कांग्रेस पर बीजेपी की जीत में सोशल मीडिया की ज़्यादा भूमिका नहीं रही है। सीएसडीएस के सर्वे में यह बात सामने आई है।
क्या अनुच्छेद 370 ख़त्म कर देगी बीजेपी? देखिए वरिष्ठ पत्रकार शैलेश का विश्लेषण।