रायपुर अधिवेशन ऐसे समय हो रहा है जब सत्तारुढ़ दल उसे हर तरह से चुनौती दे रहा है. दरअसल कांग्रेस को न सिर्फ खुद खडा होना है बल्कि विपक्ष को भी साथ लेकर मुकाबला करना है.क्या यह आसान है? आज की जनादेश चर्चा.
बयान देने में कोई किसी से कम नहीं है। आज पवन खेड़ा को गिरफ्तार किया गया है, कल और का भी नंबर आएगा लेकिन कोई भी राजनीतिक दल अपने गिरेबान में झांकने को तैयार नहीं। पढ़िए पूरी कहानीः
प्रधानमंत्री मोदी के ख़िलाफ़ हाल में कथित तौर पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले कांग्रेस के प्रवक्ता पवन खेड़ा को विमान से क्यों उतारा गया? कांग्रेस ने कहा है कि पुलिस उन्हें गिरफ़्तार कर ले गई है।
दक्षिण भारत में कांग्रेस को झटका लगा है। तमिलनाडु में कांग्रेस नेता सी आर केसवन ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। केसवन कौन है, इस इस्तीफे की वजह क्या है जानिएः
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री और कांग्रेस को लेकर क्यों आरोप लगाया कि यह देश के अंदर और बाहर की राजनीतिक ताक़ते हैं? जानिए उन्होंने क्या क्या कहा।
छत्तीसगढ़ क्यों पहुंची ईडी की टीमें? कोयला दलाली की तह खुलेगी या कॉंग्रेस का रास्ता बंद होगा? कॉंग्रेस अधिवेशन से ठीक पहले इस छापेमारी का मतलब क्या है? आलोक जोशी के साथ नवभारत के संपादक राजेश जोशी, वरिष्ठ पत्रकार अशोक वानखेड़े, विनोद अग्निहोत्री और संजीव श्रीवास्तव।
विपक्षी एकता की तमाम कोशिशों के बीच कांग्रेस ने रविवार को अपनी मंशा साफ कर दी। कांग्रेस चाहती है कि विपक्षी एकता का नेतृत्व कांग्रेस करे। कांग्रेस ने कहा कि हमारे बिना कुछ न हो पाएगा। पढ़िए पूरी स्टोरीः
आम चुनाव की रणभेरी बज चुकी है। सारी पार्टियां अपने-अपने अंदाज में तैयारी कर रही है। वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक विनोद अग्निहोत्री बता रहे हैं कि मंडल-कमंडल राजनीति का नया संस्करण कैसा होगा।
बिहार के सीएम नीतीश कुमार विपक्षी एकता के लिए कांग्रेस को बहुत जरूरी मान रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस जल्द से जल्द हमारे साथ आए, बीजेपी 2024 में 100 के नीचे आ जाएगी।
कॉंग्रेस ने बीजेपी आइटी सेल पर लगाए गंभीर आरोप। कहा चुनाव पर असर डालने के लिए इसराइली एजेंसी का इस्तेमाल हो रहा है। पूछा क्या इसके लिए भारतीयों की जानकारियां भी विदेश भेजी गईं? कैंब्रिज एनालिटिका और पेगासस के बाद डाटा चोरी और उसके दुरुपयोग का एक और गंभीर आरोप। क्या है इन आरोपों के पीछे?
30 से अधिक चुनावों में हस्तक्षेप करने के लिए इजरायली जासूसों की एक टीम द्वारा भारत सहित कई देशों में एक सॉफ्टवेयर जरिए फर्जी सोशल मीडिया अभियान चलाए गये।
जब भी राजनीतिक मुद्दे को विपक्ष कानूनी पचड़े में फंसाता है वह मात खा जाता है. अडानी मामले में भी फिर वहीं तो नहीं दोहराया जाएगा?जेपीसी के अलावा कोई और तरीका तो दिखता नहीं. आज की जनादेश चर्चा.