तीन कृषि क़ानूनों पर बीजेपी सांसद कंगना रनौत के ताज़ा बयान के बाद हुए विवाद पर अब राहुल गांधी ने सीधे पीएम से सफाई देने को कहा है। क्या पीएम जवाब देंगे?
सुप्रीम कोर्ट पैनल ने सोमवार को अपनी रिपोर्ट में बताया था कि ज्यादातर किसान संगठन तीनों कृषि कानूनों के पक्ष में थे। लेकिन यह सच नहीं है। दरअसल, उस रिपोर्ट का आधा सच ही सामने आया। इंडियन एक्सप्रेस ने उस रिपोर्ट का पूरा सच बताया है।
बीजेपी नेतृत्व और मोदी सरकार के पास किसान आंदोलन के बारे में बहुत साफ फ़ीडबैक था कि यह पांच राज्यों के चुनाव में भारी पड़ सकता है। ऐसे में सरकार को पीछे हटना ही पड़ा।
सरकार आख़िर क्यों कह रही है कि किसानों का छोटा समूह ही कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ था?
ठीक दो दिन पहले किसानों का संसद मार्च क्यों टाल दिया गया है? क्या है इसकी वजह? पढ़ें इस रिपोर्ट में।
कृषि क़ानून रद्द किए जाने के बाद क्या सरकारी कर्मचारी कुछ सबक लेंगे जो कॉरोपोरेट जगत और उसकी समर्थक सरकार के चक्रव्यूह में फँसे हुए हैं?
कृषि क़ानूनों को रद्द करने के लिए कैसा विधेयक बना रही है सरकार, उसमें क्या प्रावधान होंगे?
संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिख कर माँग की जाएगी कि एमएसपी पर बनने वाली समिति के बारे में स्थिति साफ करें।
कृषि क़ानूनों को वापस लेने से क्या नरेंद्र मोदी की छवि पहले से बेहतर हुई है या उनकी छवि को चोट पहुँची है? ऐसा क्यों लगता है कि उनके समर्थक खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मनमर्जी की कार्यशैली की वजह से ही कृषि क़ानूनों को अंत में रद्द करना पड़ा, रद्द करने के तरीके से भी उनकी यह कार्यशैली ही उजागर होती है।
मोदी जी ने कृषि कानून वापस लेने का एलान किया। विपक्ष अब भी इसपर सवाल उठा रहा है। किसान कह रहे हैं कानून वापस होंगे तब आंदोलन वापसी पर सोचेंगे। और सबसे ज्यादा परेशानी तो मोदी समर्थक खेमे में है। जो लोग साल भर से ज्यादा समय से आंदोलन की बुराई और कानूनों की तारीफ कर रहे थे वो अब प्रधानमंत्री पर ही सवाल उठा रहे हैं। आखिर क्या होगा आगे?
भारतीय किसान यूनियन के गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने सोमवार को रेल रोको आन्दोलन का एलान किया है और किसानों से अपील की है कि वे हिंसा का सहारा हरगिज न लें।
किसान आन्दोलन को रोकने में नाकाम हरियाणा के मुख्यमंत्री ने उनके ख़िलाफ़ लोगों को उतारने की नीति बनाई है। क्या है मामला?
किसानों का आरोप है कि उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में आन्दोलनकारी किसानों पर पुलिस ने गाड़ियाँ चढ़ा दीं। क्या है मामला?
केंद्रीय मंत्री ने एलान किया है कि रविवार से पंजाब और हरियाणा की सरकारें धान की खरीद शुरू कर देंगी। क्या है मामला?
दिल्ली की सीमा पर धरने पर बैठे किसानो ने गांधी जयंती के मौके पर उपवास रखा। लेकिन क्या इससे सरकार पसीज जाएगी?
हरियाणा के किसानों ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के सरकारी आवास के बाहर प्रदर्शन किया है। क्या है इसकी वजह?
तीन कृषि क़ानूनों के विरोध में संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर भारत बंद सुबह छह बजे से शाम चार बजे तक रहा।
राकेश टिकैत ने कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ चल रहे किसान आन्दोलन पर जो बाइडन को अपील कर और यह मुद्दा मोदी के साथ होने वाली बैठक में उठाने की अपील कर क्या सही किया है?
शिरोमणि अकाली दल के नेता सुखबीर बादल ने कहा है कि पंजाब ही नहीं, पूरे देश के लोग मोदी सरकार से नाराज़ हैं। क्या है मामला?
'सिर तोड़ने' का आदेश देने वाले एसडीएम के ख़िलाफ़ कार्रवाई के मुद्दे पर बातचीत नाकाम, बेमियादी धरने पर बैठे किसान।
हरियाणा पुलिस ने करनाल में चल रहे किसान आन्दोलन पर सख़्ती बरती है, वॉटर कैनन का इस्तेमाल किया है, आन्दोलनकारियों ने लघु सचिवालय का घेराव किया है।
भारतीय किसान यूनियन ने मुज़फ़्फ़रनगर किसान महापंचायत में कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ 27 सितंबर को भारत बंद का एलान किया है।
उत्तर प्रदेश पुलिस ने मुज़फ़्फ़रनगर किसान महापंचायत के मौके पर किसी अनहोनी से बचने के पूरी चाक चौबंद व्यवस्था कर रखी है।
भारतीय किसान यूनियन की बुलाई किसान महापंचायत में मुज़फ़्फ़रनगर में किसानों की भारी भीड़ जुटी है।
राष्ट्रीय स्वंयसेव संघक यानी आरएसएस से जुड़ा किसान संगठन भारतीय किसान संघ भी अब कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ खड़ा हो रहा है। इसने 8 सितंबर को पूरे देश में एक दिन के धरने का कार्यक्रम रखा है।