सुप्रीम कोर्ट में 10 मई से 27 जून तक अवकाश रहेगा। इसी प्रकार उच्च न्यायालयों में भी कम से कम एक माह के लिए छुट्टी रहेगी।
न्याय और न्यायाभास। न्यायाभास से बेहतर और सटीक होगा- इन्साफ़ का धोखा। यानी आपको जान पड़े कि इंसाफ मिल रहा है और वह कभी हाथ न आए। जो सिद्दीक़ कप्पन के साथ किया गया, उसे इन्साफ़ का मज़ाक ही कहेंगे।
कोरोना संकट के बीच देश में ऑक्सीजन की भारी किल्लत को लेकर चल रही सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल टास्क फोर्स का गठन किया है। टास्क फोर्स में 12 सदस्य होंगे।
ऑक्सीजन आपूर्ति को लेकर केंद्र सरकार आज कर्नाटक हाई कोर्ट के एक आदेश के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट में अपना केस हार गई। केंद्र ने कर्नाटक के लिए हर रोज़ ऑक्सीजन आवंटन को बढ़ाकर 1,200 मीट्रिक टन करने के आदेश पर रोक लगाने की मांग की थी
मेडिकल ऑक्सीजन की कमी को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने फिर से केंद्र को झटका दिया है। दो मामलों में। एक तो अदालत ने केंद्र को कहा कि वह दिल्ली को हर रोज़ 700 मिट्रिक टन मेडिकल ऑक्सीजन दे। और दूसरे कर्नाटक को भी पर्याप्त आपूर्ति करने को कहा।
चुनावी राज्यों में कोरोना प्रोटोकॉल पालन कराने में विफल रहे चुनाव आयोग पर मद्रास हाई कोर्ट की टिप्पणी के ख़िलाफ़ क्यों सुप्रीम कोर्ट पहुँचा आयोग?
सुप्रीम कोर्ट द्वारा मराठा आरक्षण ख़ारिज किये जाने के बाद महाराष्ट्र में घमासान मचा हुआ है। राजनीतिक बयानबाज़ी जोरों पर है।
कोरोना संकट के बीच मेडिकल ऑक्सीजन की कमी के लिए लगातार आलोचनाओं का सामना कर रहे केंद्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट से गुरुवार को फिर झटका लगा है। अदालत ने कहा है कि देश में ऑक्सीजन आवंटन में पूरी तरह फेरबदल की ज़रूरत है।
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्ग (एसईबीसी) अधिनियम, 2018 के लिए महाराष्ट्र राज्य आरक्षण को रद्द कर दिया है, जो सार्वजनिक शिक्षा और रोज़गार में मराठा समुदाय को आरक्षण देता है।
सुप्रीम कोर्ट ने मीडिया का मुँह बंद करने से साफ इनकार करते हुए कहा है कि प्रेस लोकतंत्र का पहरेदार है और अदालत में हो रही सुनवाई की खबर देने से इसे नहीं रोका जा सकता।
सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फ़ैसले में केंद्र सरकार से कहा है कि वह अपनी कोरोना टीका खरीद नीति पर फिर से विचार करे। अदालत ने कहा कि संवधान के अनुच्छेद 21 में निहित स्वास्थ्य के अधिकार का यह उल्लंघन है।
सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश चुनाव आयोग को फटकार लगाते हुए कहा है कि यदि पंचायत चुनाव के वोटों की गिनती दो हफ़्ते बाद हुई तो आसमान नहीं गिर पडेगा। राज्य चुनाव आयोग इसके बावजूद तय समय यानी 2 मई को वोटों का गिनती कराने पर तुला हुआ है।
कोरोना के बढ़ते संकट, रोज़ाना होने वाली पहले से ज़्यादा मौतों और अव्यवस्था व अफरातफरी के बीच सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर केंद्र सरकार को फटकार लगाई है और सवालों की बौछार कर दी है।
सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना पर सुनवाई के दौरान कहा है कि इंटरनेट पर किसी भी नागरिक को अपनी तकलीफ़ों को बयान करने से न रोकें और अगर ऐसा हुआ तो उसे अदालत की अवमानना माना जायेगा।
एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार से कहा है कि गिरफ़्तार मलयालम पत्रकार सिद्दिक़ कप्पन को दिल्ली भेज कर उनका इलाज कराए।
मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने वैक्सीन की उपलब्धता और उनकी क़ीमत, ऑक्सीजन, कोरोना बेड और राज्यों में स्वास्थ्य व्यवस्था के बारें में केंद्र सरकार से जबाव माँगे हैं।
जस्टिस एन. वी. रमना ने देश के 48वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ले ली है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शनिवार को उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। रमना ने शुक्रवार को रिटायर हुए जस्टिस एस. ए. बोबडे की जगह ली है।
कोरोना महामारी ने इतना विकराल रूप धारण कर लिया है कि सर्वोच्च न्यायालय को वह काम करना पड़ गया है, जो किसी भी लोकतांत्रिक देश में संसद को करना होता है।
सुप्रीम कोर्ट: क्यों उठ रहे हैं ऐसे सवाल? हाईकोर्ट सक्रिय हैं लेकिन सुप्रीम कोर्ट सुस्त क्यों? देखिए न्यायपालिका की मौजूदा स्थिति पर सटीक विश्लेषण। वरिष्ठ पत्रकार नीलू व्यास के साथ. Satya Hindi
आलोचना के बाद सुप्रीम कोर्ट का बदला रुख? पीएम के साथ बैठक में केजरीवाल की अपील पर विवाद क्यों? देखिए वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार का सटीक विश्लेषण। Satya Hindi
पिछले दिनों जब कोरोना के मसले पर कई हाई कोर्टो ने सरकारों को फटकारा और फिर अचानक सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना मामले का स्वतः संज्ञान लिया तो सवाल खड़ा हो गया कि क्या ऐसा सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को बचाने के लिये किया? सुप्रीम कोर्ट और मुख्य न्यायाधीश की भूमिका पर वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष ने मशहूर वकील प्रशांत भूषण से बात की।
Satya Hindi News Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। सुप्रीम कोर्ट : हाईकोर्ट से हमने मामले वापस नहीं लिए हैं।
हाईकोर्ट के अधिकतर मामलों में क्यों टांग अड़ा रहा है सुप्रीम कोर्ट? कोरोना के मामलों को हाईकोर्ट से क्यों लेना चाह रहा है सुप्रीम कोर्ट? देखिए वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार का विश्लेषण। Satya Hindi
Satya Hindi News Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। वरिष्ठ वकील दुष्यंत दवे ने कहा कि "यह एक बहुत गंभीर मुद्दा है कि आखिर सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना के मामलों में हस्तक्षेप क्यों किया है? उन्होंने कहा कि क्या सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को अपनी विफलताओं को छिपाने के लिए उसकी मदद करने के लिए ऐसा किया है?
क्या सुप्रीम कोर्ट कोई मामला ख़ुद ब खुद हाई कोर्ट से ले सकता है? संविधान में उसके क्या प्रावधान है? हाई कोर्ट का अधिकार क्षेत्र कहाँ तक सीमित है?
कोरोना से जूझ रहे देश में अस्पतालों को ऑक्सीजन की आपूर्ति पर अब सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से जवाब माँगा है। इसने केंद्र को नोटिस जारी किया पूछा कि ऑक्सीजन की आपूर्ति, ज़रूरी दवाओं और टीकाकरण पर राष्ट्रीय योजना क्या है।