मुख्य न्यायाधीश एस. ए. बोबडे को आख़िर यह क्यों कहना पड़ा कि देश संकट के दौर से गुजर रहा है? क्या इसकी वजह यह है कि नागरिकता क़ानून के मुद्दे पर स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई है?
वर्ष 2019 में जहाँ भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने तमाम ऐतिहासिक फ़ैसले सुनाए वहीं कुछ ऐसी न्यायिक निष्क्रियता भी दिखी जिसने न्यायपालिका की विश्वसनीयता पर सवाल उठाये।
सुप्रीम कोर्ट ने जामिया विश्वविद्यालय में हुई पुलिसिया कार्रवाई पर सुनवाई करने से इनकार क्यों कर दिया, यह कहते हुए कि जब तक उपद्रव नहीं रुकेगा, वह सुनवाई नहीं करेगा?
सुप्रीम कोर्ट ने बाबरी मसजिद-राम जन्मभूमि मंदिर विवाद पर जो फ़ैसला दिया, वह उससे अलग कोई दूसरा फ़ैसला नहीं दे सकता था। आख़िर क्या मजबूरियाँ थीं कोर्ट की?
अगले महीने की 17 नवंबर को रिटायर होने वाले मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने जस्टिस एस.ए. बोबडे को अगला मुख्य न्यायाधीश बनने की सिफ़ारिश की है।
उच्चतम न्यायालय की 18 साल पुरानी व्यवस्था के बावजूद आज भी अक्सर कई मामलों में सुनवाई पूरी होने के बाद पक्षकारों को लंबे समय तक फ़ैसले का इंतजार रहता है।
एससी/एसटी क़ानून आज फिर वहीं खड़ा है जहाँ यह क़रीब डेढ़ साल पहले था। सुप्रीम कोर्ट ने इस क़ानून में बदलाव किया था और अब फिर से सुप्रीम कोर्ट ने ही अपने उसी फ़ैसले को पलट दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने एससी/एसटी (उत्पीड़न निरोधी) अधिनियम लागू करने के अपने पुराने फ़ैसले को पलट दिया है।
भारतीय जनता पार्टी समान नागरिक संहिता को अगला मुद्दा बना सकती है, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने एक फ़ैसले में पूछा है कि इसे लागू करने पर अब तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई।
जम्मू-कश्मीर में लगाई गई पाबंदी को अगले कुछ दिनों में हटाया जा सकता है। सरकार ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में सुनवाई के दौरान कहा कि पाबंदी को कुछ दिनों में हटा लिया जाएगा।
समलैंगिक होना भले ही अपराध नहीं हो, लेकिन क्या समलैंगिक होने के कारण जज बनने में रुकावट आ सकती है? दिल्ली हाई कोर्ट में एक काबिल वकील के जज बनने में लगता है यह आड़े आ रहा है।
कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस सरकार संकट पर सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के क्या हैं मायने? कोर्ट का यह फ़ैसला यह गठबंधन के पक्ष में है या बीजेपी के पक्ष में? इससे सरकार बचेगी या जाएगी? यह फ़ैसला कितना सही है? देखिए 'आशुतोष की बात' में क्या होगा इसका असर।
सुप्रीम कोर्ट की एक बेंच ने दूसरी बेंच के फ़ैसले पर रोक लगा दी और उसे उलट दिया। अदालत ने कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि यह सुप्रीम कोर्ट के साथ धोखाधड़ी है।
चुनाव आचार संहिता के ‘उल्लंघन’ के मामले में क्या अब प्रधानमंत्री मोदी के ख़िलाफ़ कार्रवाई होगी? इसकी संभावना इसलिए बनती है कि यह मामला अब सुप्रीम कोर्ट में पहुँच गया है।
वायु सेना के लिए रफ़ाल विमान ख़रीद के मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार साफ़ तौर पर फँसती नज़र आ रही है। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को अपने फ़ैसले में साफ़ कर दिया है कि सरकार को राहत नहीं दी जा सकती है।
लोकसभा चुनाव लड़ने की हार्दिक पटेल की उम्मीदों को उस वक़्त एक और झटका लगा जब सुप्रीम कोर्ट ने दंगा भड़काने के मामले में उनकी सजा को निलंबित करने की याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया।
सरकार ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि रफ़ाल मामले में सुनवाई के लिए दायर की गयी पुनर्विचार याचिका के साथ रखे गए ऐसे दस्तावेज़ों पर सरकार का विशेषाधिकार है।
क्या मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर अब यह बता पाएँगे कि विश्वविद्यालयों में आरक्षण को लेकर उन्होंने अध्यादेश का विकल्प क्यों नहीं अपनाया?