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योगी आदित्यनाथ, मुख्यमंत्री. उत्तर प्रदेश।फ़ोटो साभार - फ़ेसबुक

यूपी उपचुनाव: लड़ाई से पहले मैदान छोड़ बैठा विपक्ष

महाराष्ट्र और हरियाणा में चुनाव प्रचार पूरा कर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार से उत्तर प्रदेश में विधानसभा की 11 सीटों पर हो रहे उपचुनावों के लिए रैलियों का दौर शुरू कर दिया। विधानसभा चुनाव का सेमीफ़ाइनल कहे जा रहे इन उपचुनावों के लिए योगी रैलियों का एक दौर अधिसूचना जारी होने से पहले ही पूरा कर चुके हैं। योगी सरकार के मंत्रियों से लेकर बीजेपी के प्रदेश पदाधिकारी तक विधानसभा वार प्रचार में जुटे हैं। इसके उलट विपक्ष में इस चुनाव को लेकर कहीं कोई उत्साह नजर नहीं आ रहा है। 

मतदान होने में महज चार दिन बचे हैं लेकिन विपक्ष का कोई अता-पता नहीं है। प्रदेश के प्रमुख विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव उपचुनाव के प्रचार में कहीं निकलते तक नहीं हैं।
बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) सुप्रीमो मायावती ने यूपी छोड़ सारा ध्यान महाराष्ट्र, हरियाणा के विधानसभा चुनावों में लगा रखा है। प्रदेश में कहीं न गिनी जाने वाली कांग्रेस के नवनियुक्त अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने भी अब तक जैदपुर, कैंट लखनऊ सीट को छोड़कर कहीं प्रचार नहीं किया है। विपक्ष का आलम यह है कि दूसरी कतार के नेता भी उपचुनाव वाले क्षेत्रों में जाने से कतरा रहे हैं और राजधानी में बैठ कर जीतने की भविष्यवाणी कर रहे हैं।
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बीजेपी मजबूत, फिर भी प्रचार में आगे 

उत्तर प्रदेश में 21 अक्टूबर को 11 सीटों पर होने वाले विधानसभा उपचुनाव के प्रचार के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की इन सभी 11 सीटों पर एक-एक रैली होगी और इनकी शुरुआत 15 अक्टूबर को कानपुर से हो चुकी है। 

जिन सीटों के लिए उपचुनाव हो रहा है, उनमें - जलालपुर, प्रतापगढ़, रामपुर, लखनऊ कैंट, गंगोह, मणिकपुर, बलहा (एससी), इगलास (एससी), जैदपुर (एससी), गोविंदनगर और घोसी की सीटें शामिल हैं। चुनाव नतीजे 24 अक्टूबर को आएंगे।

इन 11 सीटों में से 10 पर बीजेपी चुनाव लड़ रही है जबकि एक सीट (प्रतापगढ़) उसने अपने सहयोगी अपना दल (एस) को दी है। योगी सरकार ने अपने एक-एक कैबिनेट मंत्री को एक-एक सीट का प्रभारी बनाकर वहीं कैंप करने को कहा है जबकि हर चुनाव क्षेत्र में प्रदेश स्तर के दो-दो पदाधिकारियों की ड्यूटी लगायी गयी है। 

उपचुनावों पर निगाह रखने के लिए राजधानी लखनऊ में कंट्रोल रूम बनाया गया है और प्रत्याशियों की मांग को सुनने के लिए विधानसभावार पार्टी पदाधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गयी है। बीजेपी नेताओं का कहना है कि उपचुनाव में भारी जीत के विश्वास के बाद भी इसे आमचुनाव का रिहर्सल माना जा रहा है और इसीलिए कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी जा रही है।

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पहली बार उपचुनाव लड़ रही बीएसपी

इस उपचुनाव में ख़ास बात यह है कि हमेशा से उपचुनाव से दूरी बनाये रखने वाली बीएसपी पहली बार मैदान में है। बीएसपी के मैदान में उतरने से पश्चिमी यूपी में सियासी गर्मी आ गयी है और पश्चिमी यूपी की इसी सियासी गर्मी को अपने पक्ष में करने और विपक्ष के चक्रव्यूह को तोड़ने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ संगठन के साथ क़दम से क़दम मिलाते हुए हर सीट पर रणनीति बनाने में जुटे हैं। जिन सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं उनमें से एक सीट (जलालपुर) बीएसपी के पास थी। यहां से पार्टी अपने पुराने विधायक रीतेश पांडे के पिता को उतारना चाहती थी पर उन्होंने एन मौक़े पर मना कर दिया। 

चुनाव प्रचार से दूर मायावती

बीएसपी नेताओं के मुताबिक़, उत्तर प्रदेश के उपचुनावों में मायावती प्रचार नहीं करेंगी। उनके भतीजे व पार्टी के स्टार प्रचारक आकाश आनंद भी नहीं आएंगे। कुल मिलाकर बीएसपी प्रत्याशियों को इन चुनावों में अपने ही भरोसे रहना है। पार्टी के दूसरी-तीसरी कतार के कुछ नेता ज़रूर चुनाव प्रचार करने गए पर उनकी मांग न देखते हुए बाक़ी प्रत्याशी अब उन्हें बुला भी नहीं रहे हैं।

अखिलेश ठंडे, कांग्रेस भगवान भरोसे 

यूपी उपचुनावों में रामपुर की सीट एसपी के पास थी। इस सीट से कद्दावर नेता आज़म ख़ान विधायक बने थे जो बाद में सांसद बन गए। अब यहां से उनकी पत्नी ताजीन ख़ान मैदान में हैं। एसपी ने रामपुर सीट अकेले आज़म ख़ान के भरोसे छोड़ दी है। आज़म अपनी जनसभाओं में कई बार ख़ुद पर हुए जुल्म की दास्तान बताते हुए रो तक पड़े हैं। 

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एसपी नेताओं का कहना है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव न तो कहीं चुनाव प्रचार के लिए गए हैं न ही उनका कार्यक्रम तय हुआ है। हालांकि इस सबके बाद भी एसपी रामपुर के अलावा घोसी, जलालपुर और मानिकपुर में अपनी स्थिति अच्छी मान रही है। पार्टी नेताओं का कहना है कि मुलायम-अखिलेश अगर प्रचार करें तो इन विधानसभा सीटों के नतीजे उनके पक्ष में आ सकते हैं। 

इन सबके इतर सबसे कमजोर मानी जा रही कांग्रेस में भी विधानसभा उपचुनावों को लेकर जोश नदारद है। कांग्रेस ने पूरा जोर लखनऊ कैंट, गोविंदनगर, जैदपुर में लगाने की योजना बनायी है। हालांकि अभी तक पार्टी के बड़े नेता प्रचार में नहीं उतरे हैं। जैदपुर में ज़रूर पीएल पुनिया के बेटे तनुज पुनिया के मैदान में होने के नाते कुछ बड़े नेता और ख़ुद प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू प्रचार के लिए पहुंचे थे। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि अगले तीन दिनों में कुछ बड़े नेताओं की रैलियां इन विधानसभा क्षेत्रों में प्लान की गयी हैं।  

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कुमार तथागत
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