कोरोना वायरस जब स्पेन सहित पूरी दुनिया को जकड़ रहा था और बचाव के रास्ते ढूंढे जा रहे थे तब स्पेन में ही इस वायरस को फैलने के लिए ज़मीन तैयार की जा रही थी। इस ज़मीन को तैयार करने वालों में मंत्री और दूसरे नेता भी शामिल थे। यही कारण है कि पिछले हफ़्ते यानी 8 मार्च तक स्पेन में कोरोना वायरस से पीड़ित लोगों की संख्या जहाँ 625 थी वह एकाएक बढ़कर 6300 से ज़्यादा हो गई है। मरने वालों की संख्या 196 हो गई है। 13 मार्च को सिर्फ़ एक दिन में 2000 से ज़्यादा पॉजिटिव केस सामने आए। स्पेन यूरोप में दूसरा ऐसा देश है जहाँ कोरोना वायरस पॉजिटिव मामलों की संख्या सबसे ज़्यादा है। यानी विश्व स्वास्थ्य संगठन ने जिस यूरोप को अब कोरोना वायरस का एपिसेंटर यानी केंद्र बताया है उसमें इटली के बाद स्पेन का ही सबसे बड़ा हाथ है। तो स्पेन इस स्थिति में कैसे पहुँच गया? इसकी वजह क्या है?