पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने दावा किया है कि भारत जल्द ही सैन्य कार्रवाई कर सकता है। जानिए इस बयान के पीछे की परिस्थितियाँ और क्षेत्रीय तनाव पर इसका संभावित प्रभाव।
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ
क्या भारत पाकिस्तान के ख़िलाफ़ कभी भी हमला कर सकता है? कम से कम पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने तो ऐसा ही एक सनसनीखेज दावा किया है। उन्होंने कहा है कि पहलगाम में आतंकी हमले के बाद भारत द्वारा सैन्य कार्रवाई जल्द ही की जा सकता है। आसिफ ने यह दावा रॉयटर्स को दिए एक साक्षात्कार में किया है। उन्होंने कहा है कि पाकिस्तान ने अपनी सेना को मज़बूत किया है और वह किसी भी भारतीय कार्रवाई का जवाब देने के लिए तैयार है।
उनका यह बयान ऐसे समय में आया है जब भारत ने सिंधु जल संधि को निलंबित करने, अटारी-वाघा सीमा बंद करने और 16 पाकिस्तानी यूट्यूब चैनलों पर प्रतिबंध लगाने जैसे कड़े क़दम उठाए हैं। पहलगाम हमले के बाद दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर पहुँच गया है। इस हमले में 26 पर्यटकों की मौत हुई थी। इस घटना के बाद दोनों देशों के नेताओं की ओर से तनाव बढ़ाने वाले बयान आ रहे हैं।
रायटर्स की रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत की बयानबाजी तेज हो रही है और पाकिस्तानी सेना ने सरकार को भारतीय हमले की संभावना के बारे में जानकारी दी है। उन्होंने यह नहीं बताया कि यह दावा किन आधारों पर किया गया, लेकिन यह साफ़ किया कि पाकिस्तान हाई अलर्ट पर है और वह अपनी परमाणु शक्ति का उपयोग तभी करेगा, जब 'हमारे अस्तित्व को सीधा ख़तरा होगा।' आसिफ ने पहले स्काई न्यूज को दिए एक अन्य साक्षात्कार में आरोप लगाया था कि पहलगाम हमला एक 'झूठा फ्लैग ऑपरेशन' था, जिसे भारत ने क्षेत्र में संकट पैदा करने के लिए रचा। उन्होंने यह भी कबूला था कि पाकिस्तान ने पिछले तीन दशकों तक अमेरिका और पश्चिम के लिए 'गंदा काम' किया, लेकिन यह एक 'गलती' थी। 'गंदा काम' से उनका मतलब था कि पाकिस्तान ने आतंकवादियों का समर्थन, उनको फंडिंग और प्रशिक्षण दिया।
आसिफ का यह बयान कई मायनों में अहम है। यह पाकिस्तान की रणनीति को दिखाता है, जिसमें वह भारत की किसी भी सैन्य कार्रवाई से पहले वैश्विक समुदाय का ध्यान खींचना चाहता है। भारत पर ही हमले का आरोप लगाकर उन्होंने भारत के खिलाफ प्रोपेगेंडा फैलाने की कोशिश की है ताकि हमले में पाकिस्तान की संलिप्तता से इनकार किया जाए। परमाणु हथियारों का जिक्र दोनों देशों के बीच तनाव की गंभीरता को उजागर करता है, जो क्षेत्रीय स्थिरता के लिए ख़तरा है।
रिपोर्टें हैं कि पहलगाम में हुए आतंकी हमले में शामिल दो-तीन संदिग्ध आतंकी पाकिस्तानी थे। भारत ने इसे लश्कर-ए-तैयबा जैसे पाकिस्तान-आधारित आतंकी संगठनों से जोड़ा है।
हमले के बाद भारत ने तत्काल कई कदम उठाए। भारत ने पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद को समर्थन दिए जाने के कारण 1960 की सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया। अटारी-वाघा सीमा बंद कर दी गई, पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे में भारत छोड़ने का आदेश दिया गया और पाकिस्तानी दूतावास के कर्मचारियों की संख्या घटाई गई। 16 पाकिस्तानी यूट्यूब चैनलों पर प्रतिबंध लगाया गया, जिनमें शोएब अख्तर और जियो न्यूज़ जैसे बड़े नाम शामिल थे।
इधर, एक रिपोर्ट के अनुसार रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाक़ात की और सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने श्रीनगर में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की। प्रधानमंत्री मोदी ने कुछ दिन पहले बिहार में एक रैली में कहा था, 'हमले के दोषियों को दुनिया के किसी भी कोने से ढूंढकर सजा दी जाएगी।' रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी कड़ी प्रतिक्रिया का वादा किया। इससे भी सैन्य कार्रवाई की अटकलें तेज हुईं।
बता दें कि 2016 के उरी हमले और 2019 के पुलवामा हमले के बाद भारत ने नियंत्रण रेखा पार कर आतंकी ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक और बालाकोट में हवाई हमले किए थे। पहलगाम हमले की गंभीरता को देखते हुए, ऐसी कार्रवाई संभव है।
भारत में जनता और बीजेपी नेताओं का दबाव है कि सरकार कठोर कार्रवाई करे। केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने कहा कि यदि पाकिस्तान कश्मीर का हिस्सा नहीं लौटाता तो युद्ध की घोषणा की जानी चाहिए। वहीं, विपक्षी नेता राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे ने सरकार को समर्थन दिया, लेकिन सुरक्षा चूक पर सवाल उठाए।
पाकिस्तान ने पहलगाम हमले में अपनी संलिप्तता से इनकार किया और 'तटस्थ जाँच' की पेशकश की। आसिफ ने रूस और चीन को जाँच में शामिल करने की बात कही, जो भारत के लिए स्वीकार्य नहीं हो सकता।
इस बीच वैश्विक स्तर पर संयुक्त राष्ट्र ने दोनों देशों से अधिकतम संयम बरतने की अपील की। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि भारत और पाकिस्तान अपने संबंधों को स्वयं सुलझाएँ, लेकिन अमेरिकी विदेश विभाग ने दोनों पक्षों के साथ संवाद की बात कही। 50 से अधिक देशों ने पहलगाम हमले के बाद भारत का समर्थन किया है।
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ का दावा कि भारत की सैन्य कार्रवाई जल्द हो सकती है, दोनों देशों के बीच तनाव को और गहरा करता है। भारत की ओर से सर्जिकल स्ट्राइक या सीमित सैन्य कार्रवाई की संभावना को नकारा नहीं जा सकता, खासकर 2016 और 2019 के मामलों को देखते हुए। हालांकि, परमाणु जोखिम, सैन्य तैयारियों की सीमाएँ और वैश्विक दबाव भारत को सावधानी बरतने के लिए मजबूर कर सकते हैं।