ट्रंप ने अपने दूसरे कार्यकाल की शुरुआत में 'लिबरेशन डे' टैरिफ की घोषणा की थी, जिसे उन्होंने अमेरिकी उद्योगों को बढ़ावा देने और विदेशी आयात पर निर्भरता कम करने की रणनीति बताया। हालांकि, इस ऐलान का उल्टा असर हुआ। इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, टैरिफ की खबर से वॉल स्ट्रीट में भारी बिकवाली शुरू हो गई, जिसके चलते शेयर बाजार से 5 ट्रिलियन डॉलर का मूल्य एक झटके में खत्म हो गया। डाउ जोन्स, नैस्डैक और एसएंडपी 500 जैसे प्रमुख सूचकांकों में 4-6% की गिरावट दर्ज की गई।
भारत पर भी असरः अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है, और इस मंदी का असर भारतीय अर्थव्यवस्था पर भी पड़ सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर अमेरिकी बाजार में मांग कम हुई, तो भारत से होने वाला निर्यात—खासकर सूचना प्रौद्योगिकी, कपड़ा और फार्मास्यूटिकल्स जैसे क्षेत्रों में—प्रभावित हो सकता है। इसके अलावा, वॉल स्ट्रीट की गिरावट से भारतीय शेयर बाजारों में भी उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है।