बिहार विधानसभा चुनाव चंद हफ्ते दूर है। सभी प्रमुख राजनीतिक दल महिलाओं को अपने पक्ष में करने के लिए घोषणाओं की झड़ी लगा रहे हैं। बिहार में महिलाएं राज्य की कुल मतदाता सूची का 48 प्रतिशत हैं। पिछले कई चुनावों से पुरुष मतदाताओं से अधिक संख्या में वोट डाल रही हैं। लेकिन सबसे दिलचस्प एनडीए का रवैया है। जेडीयू प्रमुख और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पिछले 18 साल और 7 महीने तक मुख्यमंत्री की कुर्सी पर विराजमान चल रहे हैं, उन्होंने पिछले तीन महीनों में महिलाओं के लिए जितनी घोषणाएं की हैं, उतनी शायद पहले कभी की हों। प्रधानमंत्री मोदी 10 साल से लगातार कुर्सी पर हैं, यह उनका 11वां साल है। लेकिन बिहार की महिलाएं मोदी को भी अब याद रही हैं। 
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक दिन पहले ही 'मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना' के तहत 25 लाख महिलाओं के बैंक खातों में 10-10 हजार रुपये ट्रांसफर किए। इससे पहले, 26 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए 75 लाख महिलाओं को इसी योजना के तहत 10 हजार रुपये की सहायता दी थी। योजना के तहत 18 से 60 वर्ष की आयु की हर परिवार की एक महिला अपनी पसंद का कोई कारोबार शुरू कर सकती है। जनवरी 2025 तक योजना में 1 करोड़ से अधिक महिलाओं ने रजिस्ट्रेशन कराया था। अब तक 1 करोड़ लाभार्थियों को 10,000 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए जा चुके हैं। नीतीश कुमार ने घोषणा की है कि शेष पात्र महिलाओं को 8 अक्टूबर को सहायता राशि दी जाएगी।

बिहार में महिलाओं का वोटिंग पैटर्न

बिहार में महिलाओं का वोटिंग पैटर्न पिछले 15 वर्षों से पॉजिटिव और बढ़ता हुआ रहा है। 2010 के विधानसभा चुनाव से महिलाओं का मतदान प्रतिशत पुरुषों से अधिक हो गया है, जो एक ऐतिहासिक बदलाव है। यह ट्रेंड मुख्य रूप से हर चुनाव के दौरान महिला वोटरों पर राजनीतिक दलों का फोकस किया जाना है। बिहार में बड़ी संख्या में पुरुष मजदूरी के लिए राज्य से बाहर रहते हैं। जिससे महिला मतदाताओं का वोट लेने के लिए होड़ मच जाती है और इस वजह से उनकी हिस्सेदारी भी बढ़ जाती है।

2020 के विधानसभा चुनाव में महिलाओं के उच्च मतदान वाली 166 में से 99 सीटें NDA ने जीतीं।

  • 2005 के विधानसभा विधानसभा में 42.51% महिलाओं और 49.94% पुरुषों ने वोट डाले। 

  • 2010 विधानसभा चुनाव में 54.48% महिलाओं ने वोट डाले तो उनके मुकाबले 51.12% पुरुषों ने वोट डाले यानी महिला मतदाताओं का वोट प्रतिशत +3.36% बढ़ गया।

  • 2015 विधानसभा चुनाव में 60.48% महिलाओं ने और 53.32% पुरुषों ने वोट डाले। इस तरह +7.16% महिला मतदाओं में बढ़ोतरी हुई।

  • 2019 लोकसभा चुनाव में 59.58% महिलाओं ने और 55.12% पुरुषों ने वोट डाले। महिला मतदाताओं में +4.46% वोट का इजाफा हुआ।

  • 2020 विधानसभा चुनाव में 59.69% महिलाओं ने और 54.68% पुरुषों ने वोट डाले। महिलाओं मतदाताओं में +5.01% बढ़ोतरी हुई।

  • 2024 लोकसभा चुनाव में 59.45% महिलाओं और 53.00% पुरुषों ने मतदान किया। लोकसभा में 6.45% महिलाओं मतदातओं में इजाफा इजाफा हुआ।
विश्लेषकों के अनुसार, बिहार में 2025 के विधानसभा चुनाव में महिलाओं का टर्नआउट 60% से अधिक रह सकता है। अगर NDA के दलों को पिछले पैटर्न के तहत ही महिलाओं के वोट मिलते हैं तो उसकी स्थिति अच्छी हो सकती है। लेकिन यह बहुत कुछ इस बात पर निर्भर करेगा कि बिहार की महिलाएं आरजेडी, कांग्रेस या महागठबंधन के लिए किस तरह वोट डालेंगी। 
विपक्षी राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) और कांग्रेस की महागाथबंधन सरकार बनने पर महिलाओं के लिए 'माई बहिन सम्मान योजना' शुरू करने का वादा कर रहा है। इस योजना के तहत आर्थिक रूप से कमजोर और पिछड़े समुदायों की महिलाओं को प्रतिमाह 2,500 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। दूसरी ओर, प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी ने 243 विधानसभा सीटों में से 40 सीटें महिलाओं को देने का ऐलान किया है। पार्टी अपनी पहली उम्मीदवार सूची 9 अक्टूबर को जारी करेगी।