बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 71 सीटों पर एनडीए और महागठबंधन के बीच सीधा मुकाबला है। एनडीए के लिए जेडीयू और महागठबंधन में कांग्रेस कमजोर कड़ी दिख रही हैं। अपने-अपने गठबंधन में इन दलों को जितना नुकसान, कम नुकसान या फायदा और अधिक फायदा होगा, उसी पर यह तय होगा कि पहले चरण में किसका पलड़ा भारी रहने वाला है। इस हिसाब से हम आगे देखेंगे कि पलड़ा महागठबंधन का भारी है और चुनाव नतीजों में दोनों गठबंधन में कम से कम 10 सीटों का फासला रह सकता है।
बिहार: पहले चरण वाली सीटों पर आगे कौन- नीतीश या तेजस्वी?
- बिहार
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- 28 Oct, 2020

बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 71 सीटों पर एनडीए और महागठबंधन के बीच सीधा मुकाबला है।
2015 का स्ट्राइक रेट
जेडीयू ने 2015 में महागठबंधन में रहकर चुनाव लड़ा था। तब उसने इस बार के पहले चरण की 71 सीटों में 29 पर उम्मीदवार उतारे थे और 18 सीटों पर उसकी जीत हुई थी और उसका स्ट्राइक रेट 62 फीसदी था। आरजेडी के मुकाबले यह स्ट्राइक रेट बहुत कम था। आरजेडी ने 29 सीटों में से 27 पर जीत हासिल की थी और उसका स्ट्राइक रेट 93 फीसदी था।
कांग्रेस ने महागठबंधन में रहते हुए पहले चरण की 13 में से 9 सीटों पर जीत दर्ज की थी और उसका स्ट्राइक रेट 69 फीसदी था।