कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा ईडी का दूसरा समन मिलने के बाद मंगलवार को पैदल चलकर जांच एजेंसी के दफ्तर जा पहुंचे। ईडी पर राजनीतिक बदले की भावना से काम करने का आरोप पहले से ही है।
रॉबर्ट वाड्रा
कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी के पति और व्यवसायी रॉबर्ट वाड्रा एक बार फिर प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच के दायरे में हैं। हरियाणा जमीन सौदा मामले में ईडी ने मंगलवार को रॉबर्ट वाड्रा से 6 घंटे पूछताछ की। बुधवार को उनको फिर से तलब किया गया है। इससे पहले हरियाणा के शिखोपुर लैंड डील से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दूसरी बार समन भेजे जाने पर मंगलवार सुबह वाड्रा अपने सुजान सिंह पार्क स्थित आवास से लगभग 2 किलोमीटर पैदल चलकर दिल्ली में ED के एपीजे अब्दुल कलाम रोड कार्यालय पहुंचे। इस दौरान उन्होंने इस कार्रवाई को "राजनीतिक साजिश" और "चुनावी बदले की भावना" करार दिया।
ईडी ने रॉबर्ट वाड्रा को हरियाणा के गुरुग्राम जिले के शिकोहपुर गांव में एक जमीन सौदे से जुड़े कथित अनियमितताओं की जांच के लिए बुलाया है। यह मामला मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित है, और ED ने इसे प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत दर्ज किया है। वाड्रा को पहला समन 8 अप्रैल 2025 को भेजा गया था, लेकिन वह उस समय ED के सामने पेश नहीं हुए। इसके बाद, मंगलवार (15 अप्रैल 2025) को दूसरा समन जारी किया गया, जिसके जवाब में वाड्रा पैदल ही ED कार्यालय पहुंचे।
ED सूत्रों के अनुसार, वाड्रा से शिकोहपुर लैंड डील से जुड़े दस्तावेज मांगे गए हैं। उनकी पूछताछ PMLA के तहत दर्ज की जाएगी। इस मामले में कथित तौर पर वाड्रा की कंपनी, स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी, और रियल एस्टेट कंपनी DLF के बीच लेनदेन की जांच की जा रही है। ED यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या इस सौदे में कोई वित्तीय अनियमितता या मनी लॉन्ड्रिंग शामिल थी।
यह एक राजनीतिक बदले की कार्रवाई है। केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग हो रहा है।
ED कार्यालय पहुंचने से पहले, रॉबर्ट वाड्रा ने मीडिया से बात की और इस कार्रवाई को "राजनीतिक साजिश" बताया। उन्होंने कहा, "जब भी मैं लोगों की आवाज उठाता हूं, मुझे दबाने की कोशिश की जाती है।" वाड्रा ने यह भी कहा कि वह हमेशा जांच में सहयोग करते आए हैं और उनके पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है। उन्होंने आगे कहा, "मुझे जो भी सवाल पूछे जाएंगे, मैं उनका जवाब दूंगा। मैंने पहले भी सभी जवाब दिए हैं और आगे भी देता रहूंगा।"
वाड्रा ने विपक्ष के नेता और अपने साले राहुल गांधी का जिक्र करते हुए कहा, "जब भी मैं अल्पसंख्यकों या आम लोगों के लिए बोलता हूं, वे मुझे चुप कराने की कोशिश करते हैं। राहुल को संसद में रोकने की कोशिश की जाती है।" उन्होंने ED की कार्रवाई को "विच हंट" करार दिया और बीजेपी पर जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाया।
वाड्रा ने अपने घर से ED कार्यालय तक पैदल जाने का फैसला किया, जो दिल्ली के सुजान सिंह पार्क से लगभग 2 किलोमीटर दूर है। इस दौरान उनके साथ सुरक्षा कर्मी और मीडिया की भारी भीड़ थी। यह कदम एक तरह से प्रतीकात्मक था, जिसे वाड्रा ने अपनी बेगुनाही और जांच का सामना करने की इच्छा के रूप में पेश किया। सोशल मीडिया पर इस मार्च की तस्वीरें और वीडियो वायरल हो गए, जिसमें वाड्रा को पत्रकारों से बात करते देखा गया।
रॉबर्ट वाड्रा का नाम कई सालों से विभिन्न जमीन सौदों से जुड़े विवादों में आता रहा है। शिकोहपुर लैंड डील मामला 2018 में तब सुर्खियों में आया, जब हरियाणा पुलिस ने तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, वाड्रा और अन्य के खिलाफ गुड़गांव में एक FIR दर्ज की थी। इस मामले में स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी द्वारा DLF को जमीन हस्तांतरित करने में कथित अनियमितताओं की बात सामने आई थी।
ED ने इस मामले को मनी लॉन्ड्रिंग के दायरे में लेते हुए अपनी जांच शुरू की। वाड्रा को इससे पहले भी ED ने अन्य मनी लॉन्ड्रिंग मामलों में पूछताछ के लिए बुलाया था, जिसमें लंदन में संपत्ति खरीद और बीकानेर (राजस्थान) के लैंड डील मामले शामिल हैं। हर बार वाड्रा ने इन आरोपों को खारिज करते हुए इन्हें राजनीति से प्रेरित बताया है।
लंदन संपत्ति मामला: ED ने दावा किया था कि वाड्रा ने लंदन के ब्रायनस्टन स्क्वायर में 1.9 मिलियन पाउंड की संपत्ति खरीदी, जो मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ी थी। वाड्रा ने इन आरोपों को खारिज किया था। यह मामला ईडी अभी तक साबित नहीं कर पाया है।
बीकानेर लैंड स्कैम: राजस्थान के बीकानेर में 275 एकड़ जमीन के सौदे में कथित अनियमितताओं के लिए वाड्रा और उनकी मां मॉरीन वाड्रा से पूछताछ की गई थी। इस केस में आगे कोई कार्रवाई नहीं हुई।
फरीदाबाद लैंड डील: वाड्रा और प्रियंका गांधी ने 2005-06 में फरीदाबाद के अमीरपुर गांव में जमीन खरीदी और बाद में बेची थी, जिसे ED ने जांच के दायरे में लिया था। केंद्र और हरियाणा में बीजेपी सरकार को दस साल से ज्यादा हो चुके लेकिन इस केस में कोई प्रगति नहीं हुई।
इन सभी मामलों में वाड्रा ने अपनी बेगुनाही का दावा किया है और कहा है कि वह हमेशा जांच में सहयोग करते हैं।
सोशल मीडिया पर इस समन को लेकर चर्चा गरम है। कुछ यूजर्स ने इसे "विपक्ष के खिलाफ केंद्र की साजिश" बताया, जबकि अन्य ने कहा कि "कानून को अपना काम करना चाहिए।" X पर कई पोस्ट में वाड्रा के पैदल मार्च और उनके बयानों को लेकर मीम्स और टिप्पणियां देखी गईं। एक यूजर ने लिखा, "हर चुनाव से पहले वाड्रा का नाम क्यों सामने आता है?" वहीं, दूसरे ने कहा, "अगर वे निर्दोष हैं, तो जांच से डर क्यों?"
ED की पूछताछ के बाद वाड्रा का बयान PMLA के तहत दर्ज किया जाएगा। जांच एजेंसी यह तय करेगी कि क्या इस मामले में आगे कोई कार्रवाई की जाएगी। वाड्रा ने कहा है कि वह किसी भी सवाल का जवाब देने को तैयार हैं और वह कानून से ऊपर नहीं हैं। हालांकि, इस मामले ने एक बार फिर दिल्ली की सियासत को गर्मा दिया है, खासकर तब जब लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और बीजेपी के बीच तीखी बयानबाजी चल रही है।