ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तानी सोशल मीडिया अकाउंट्स और यूट्यूब चैनलों पर लगाया गया प्रतिबंध आख़िर कुछ समय के लिए कैसे हट गया? जानिए, पूरा आख़िर मामला क्या है।
भारत में पाकिस्तानी हस्तियों के सोशल मीडिया अकाउंट और यू-ट्यूब चैनलों पर एक बार फिर से प्रतिबंध लगा दिया गया है। यह कार्रवाई तब हुई जब एक दिन पहले ये अकाउंट अचानक भारतीय यूज़रों के लिए उपलब्ध हो गए थे। इस घटना पर सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाएँ आईं और सवाल उठाया गया कि क्या पहलगाम आतंकी हमले में 26 लोगों की हत्या करने वाले आतंकवादियों की करतूत को भूला दिया गया है? इसके बाद इन अकाउंट को फिर से ब्लॉक कर दिया गया। हालाँकि, सरकार की ओर से न तो उन खातों को अनब्लॉक किए जाने और न ही ब्लॉक किए जाने को लेकर कोई आधिकारिक जानकारी दी गई है।
मावरा होकेन, सबा कमर, अहद रजा मीर, युमना जैदी, दानिश तैमूर जैसे अभिनेताओं, शाहिद अफरीदी और शोएब अख्तर जैसे क्रिकेटर सहित कई पाकिस्तानी हस्तियों के इंस्टाग्राम और यूट्यूब अकाउंट 2 जुलाई 2025 को अचानक भारत में दिखाई देने लगे थे। इसके अलावा, हम टीवी, एआरवाई डिजिटल और हर पल जियो जैसे पाकिस्तानी चैनल भी कुछ समय के लिए भारतीय यूज़रों के लिए उपलब्ध हो गए थे।
इस अप्रत्याशित घटना ने भारत में सोशल मीडिया पर हलचल मचा दी और कई लोगों ने इसे प्रतिबंधों में ढील देने की संभावना के रूप में देखा। हालाँकि, यह स्थिति ज्यादा समय तक नहीं रही। 3 जुलाई की सुबह तक इनमें से अधिकांश अकाउंट फिर से ब्लॉक कर दिए गए। अब इन अकाउंटों को खोजने पर संदेश लिखा दिख रहा है, 'यह अकाउंट भारत में उपलब्ध नहीं है। यह क़ानूनी अनुरोध के अनुपालन के कारण है।'
प्रतिबंध कब लगाया गया था?
यह प्रतिबंध पहली बार मई 2025 में लगाया गया था जब जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की जान चली गई थी। इस हमले की जिम्मेदारी द रेसिस्टेंस फ्रंट ने ली थी, जिसे पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा का एक सहयोगी संगठन माना जाता है। भारत ने इस हमले के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया। हालाँकि इस्लामाबाद ने इसे खारिज कर दिया। इसके बाद भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' शुरू किया, जिसमें पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आतंकी ठिकानों पर सैन्य कार्रवाई की गई।
पहलगाम हमले के बाद भारत ने पाकिस्तानी सोशल मीडिया अकाउंटों और यूट्यूब चैनलों पर प्रतिबंध लगाने का फ़ैसला किया। इन्हें भारत विरोधी प्रोपेगेंडा और भड़काऊ कंटेंट फैलाने वाला माना गया।
8 मई 2025 को, सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने एक सलाह जारी की, जिसमें ओटीटी प्लेटफॉर्म्स, मीडिया स्ट्रीमिंग सेवाओं और डिजिटल इंटरमीडियरी को पाकिस्तान से आने वाली वेब सीरीज़, फ़िल्मों, गानों और अन्य कंटेंट को तुरंत बंद करने का निर्देश दिया गया।
तकनीकी खराबी या नीतिगत भूल?
तो सवाल है कि पाकिस्तानी हस्तियों के इंस्टाग्राम और यूट्यूब अकाउंट अचानक भारत में दिखाई कैसे देने लगे? सरकार की ओर से इस बारे में कोई सफ़ाई नहीं आई है। इंडिया टुडे ने सरकारी सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट दी है कि एक तकनीकी खराबी के कारण अनब्लॉकिंग हुई और अब इसे ठीक कर दिया गया है। हालांकि, कुछ सोशल मीडिया यूज़रों ने इस सफ़ाई पर सवाल उठाए, यह कहते हुए कि यूट्यूब और इंस्टाग्राम जैसे दो अलग-अलग प्लेटफॉर्म्स पर एक साथ तकनीकी खराबी का होना संदिग्ध है।
पाकिस्तानी अकाउंट्स के संक्षिप्त अनब्लॉकिंग पर ऑल इंडिया सिने वर्कर्स एसोसिएशन यानी एआईसीडब्ल्यूए ने तीखी प्रतिक्रिया दी। इसने इसे आतंकवाद के शिकार लोगों और शहीद सैनिकों के परिवारों के लिए अपमान करार दिया। संगठन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखकर पाकिस्तानी कलाकारों, प्रभावशाली लोगों के अकाउंटों और यूट्यूब चैनलों के बहिष्कार की मांग की।
भारत-पाकिस्तान तनाव
यह घटना भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे तनाव का एक और उदाहरण है जो अब डिजिटल क्षेत्र में भी साफ़ हो रहा है। भारत ने 18,000 से अधिक पाकिस्तानी अकाउंटों को इंस्टाग्राम, यूट्यूब, फेसबुक और एक्स पर प्रतिबंधित कर दिया है। यह प्रतिबंध न केवल व्यक्तिगत हस्तियों, बल्कि पत्रकारों, क्रिकेटरों, गायकों और मीडिया हाउसों को भी प्रभावित करता है।
यह घटनाक्रम भारत-पाकिस्तान के बीच सांस्कृतिक और डिजिटल आदान-प्रदान पर लंबे समय तक असर डाल सकता है। कुछ लोग सवाल उठा रहे हैं कि क्या यह डिजिटल ब्लैकआउट दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक संबंधों को और खराब करेगा। यह देखना बाकी है कि क्या भविष्य में इस तरह की तकनीकी खराबी फिर से होगी, या भारत अपनी डिजिटल नीति को और सख्त करेगा।