सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा है कि मंत्रियों, सांसदों और विधायकों की अभिव्यक्ति की आजादी पर अतिरिक्त प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता। अदालत की संवैधानिक बेंच ने यह फैसला दिया। इस बेंच में जस्टिस एस. अब्दुल नज़ीर, जस्टिस बी.आर. गवई, जस्टिस ए.एस. बोपन्ना, जस्टिस वी. रामासुब्रमण्यन और जस्टिस बी.वी. नागरत्ना शामिल हैं।
विधायकों, सांसदों के बोलने की आजादी पर अतिरिक्त प्रतिबंध नहीं
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- 3 Jan, 2023
अदालत ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 19(2) के तहत निर्धारित प्रतिबंधों के अलावा किसी भी तरह का अन्य प्रतिबंध जनप्रतिनिधियों की अभिव्यक्ति की आजादी पर नहीं लगाया जा सकता है।

अदालत ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 19(2) के तहत निर्धारित प्रतिबंधों के अलावा किसी भी तरह का अन्य प्रतिबंध जनप्रतिनिधियों की अभिव्यक्ति की आजादी पर नहीं लगाया जा सकता है। अदालत ने 4-1 के बहुमत से यह फैसला देते हुए कहा कि मंत्री के द्वारा दिए गए किसी भी बयान के लिए सरकार को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है।
बेंच में शामिल जस्टिस बी.आर. गवई, जस्टिस ए एस बोपन्ना, जस्टिस वी. रामासुब्रमण्यम ने कहा कि अनुच्छेद 19 (1) (ए) के तहत मौलिक अधिकार का प्रयोग राज्य के अलावा अन्य संस्थानों के खिलाफ भी किया जा सकता है।