स्वास्थ्य और परिवार कल्याण पर संसद की स्थायी समिति ने सिफारिश की है कि कैंसर को एक नोटिफाइड डिजीज यानी अधिसूचित बीमारी के रूप में घोषित किया जाना चाहिए। समिति ने सोमवार को राज्यसभा सचिवालय को सौंपी गई अपनी 139वीं रिपोर्ट में कहा है कि कैंसर को 'अधिसूचित बीमारी' बनाने से न केवल कैंसर से होने वाली मौतों का एक मज़बूत डेटाबेस बनेगा, बल्कि इसके सटीक कारणों और देश में बीमारी की व्यापकता को तय करने में भी मदद मिलेगी। जाहिर है जब वास्तविक कारण पता होंगे, विश्लेषण के लिए डाटा होगा और उसी के अनुसार मरीजों को सही सलाह मिलेगी तो इलाज भी बेहतर हो सकेगा।
कैंसर के अधिसूचित बीमारी बनने से मरीजों को क्या होंगे फायदे?
- देश
- |
- 13 Sep, 2022
कैंसर को अधिसूचित बीमारी घोषित करने की एक संसदीय समिति की सिफारिश को यदि सरकार ने मान लिया तो क्या बदलेगा कैंसर मरीजों के लिए?

प्रतीकात्मक तसवीर
अधिसूचित बीमारी होने से क्या फायदे मिल सकते हैं इसको कोराना महामारी से समझा जा सकता है। जब देश में कोरोना संक्रमण फैलने लगा था तो इसको अधिसूचित बीमारी घोषित किया गया। एड्स, खसरा, मलेरिया, डेंगू जैसी बीमारियाँ भी अधिसूचित बीमारियाँ हैं। इनकी रोकथाम के लिए सरकारी स्तर पर कड़े क़दम उठाए जाते हैं।