आम चुनाव के ठीक पहले नरेंद्र मोदी सरकार एक और विवाद में फँस सकती है। कम्प्ट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल (सीएजी) ने अपनी ताज़ा रपट में सरकार के कामकाज के तौर तरीकों पर गंभीर टिप्पणियाँ करते हुए कहा है कि इसने कई नियम-क़ानूनों का उल्लंघन किया है। सीएजी ने कहा है कि संसद जितनी ऱकम ख़र्च करने की अनुमति देती है, उससे एक रुपया भी ज़्यादा ख़र्च नहीं किया जा सकता है, पर केंद्र सरकार ने एक साल में लगभग एक लाख करोड़ रुपये अतिरिक्त ख़र्च कर दिए।
संसद की मंज़ूरी बग़ैर एक रुपया ख़र्च नहीं कर सकते, कर दिये एक लाख करोड़
- अर्थतंत्र
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- 20 Mar, 2019
सीएजी ने साफ़ कहा है कि नियमों की धज्जियाँ उड़ा कर अनुदान के बजटीय ख़र्च 'मनमाने' तरीक़े से बढ़ाये गये हैं। यह लोकतंत्र के मूल सिद्धांतों के ख़िलाफ़ है।
