तमिलनाडु और पंजाब के बाद अब केरल के राज्यपाल की बारी है। केरल विधानमंडल से पारित विधेयकों पर दो साल तक राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान के बैठे रहने पर नाराजगी जताई है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वह अब यह दिशा-निर्देश तय करने पर विचार कर रहा है कि राज्यपाल सहमति के लिए विधेयकों को भारत के राष्ट्रपति के पास कब भेज सकते हैं।