उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश की सरकारों के बाद गुजरात सरकार ने भी समान नागरिक संहिता की दिशा में कदम बढ़ा दिया है। लेकिन हमारे देश में धर्म की राजनीति एवं पितृसत्तात्मक मानसिकता के चलते समान नागरिक संहिता का मुद्दा हमेशा से विवादों में लिपटा विषय रहा है। वैसे, कई पारिवारिक तकरार के मामलों में हमारे विविध कोर्ट समान नागरिक संहिता की आवश्यकता पर जोर देते आए हैं।