इन दिनों ‘आर्टिकल 15’ फ़िल्म ख़ासी चर्चा में है। यह फ़िल्म देश भर में काफ़ी सराही जा रही है। लेकिन कुछ जगह इसका विरोध भी किया जा रहा है। विरोध शायद वे ही लोग कर रहे हैं जिन्हें समाज की व्यवस्थाओं में अपना वर्चस्व और स्वामित्व दिखाई देता है। यह वही तबक़ा है जो यह मान चुका है कि इस देश में सामंतवादी व्यवस्थाओं को ऐसे ही बने रहना चाहिए। ऐसे ही हमारा देश वर्ण व्यवस्थाओं में बंधा रहना चाहिए और दलितों, शोषितों, वंचितों पर अत्याचार होते रहने चाहिए।
‘आर्टिकल 15’: सामंतवादी समाज के क्रूर चेहरे को दिखाती फ़िल्म
- पाठकों के विचार
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- 7 Jul, 2019
इन दिनों ‘आर्टिकल 15’ फ़िल्म ख़ासी चर्चा में है। यह फ़िल्म देश भर में काफ़ी सराही जा रही है। लेकिन कुछ जगह इसका विरोध भी किया जा रहा है।
