उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में हुई हिंसा में पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की मौत के मामले में तीन पुलिस वालों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की गई है।

बुलंदशहर के सीनियर पुलिस सुपरिटेंडेंट कृष्ण बहादुर सिंह को वहां से हटा कर राजधानी लखनऊ भेज दिया गया है। उनकी जगह सीतापुर के एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने ली है। इसके अलावा दो और पुलिस अफ़सरों का तबादला कर दिया गया है। 

पुलिस विभाग की एक उच्चस्तरीय बैठक में ये फ़ैसले लिए गए। इसकी अध्यक्षता राज्य पुलिस के महानिदेशक ओ. पी. सिंह ने की। उन्होने एक रिपोर्ट मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौंपी है। 

इस रिपोर्ट में कहा गया है कि स्थानीय प्रशासन और वरिष्ठ पुलिस अफ़सरों की लापरवाही की वजह से हालात बेक़ाबू हो गए। रिपोर्ट में कहा गया है कि वारदात के तुरन्त बाद प्रशासन के हरकत में नहीं आने और पुलिस अफ़सरों के देर से मौके पर पहुँचने की वजह से तनाव फैल गया। 

इसके पहले मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने इंस्पेक्टर की मौत को 'हिंसक भीड़ द्वारा की गई हत्या' मानने से इनकार करते हुए उसे महज एक 'दुर्घटना' बताया है। पिछले सोमवार को बुलंदशहर में गोकशी की अफ़वाह के कारण जम कर हिंसा हुई थी और उसमें पुलिस इंस्पेक्टर और एक स्थानीय युवक सुमित मारे गए थे।

हिंदी अखबार दैनिक जागरण के कार्यक्रम जागरण फ़ोरम में सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 'उत्तर प्रदेश में कोई मॉब लिंचिंग नहीं है, बुलंदशहर की घटना एक दुर्घटना है।' सीएम ने गुरुवार को इंस्पेक्टर सुबोध सिंह के परिवार से मुलाक़ात की थी और उन्हें उचित न्याय दिलाने का भरोसा दिया था।