लोकसभा चुनाव नतीजों ने आख़िर ऐसा क्या कमाल कर दिया कि भाजपा के दो बड़े नेताओं- मोदी और शाह का व्यवहार और बॉडी लैंग्वेज एकदम बदला है?
लोकसभा चुनाव के आख़िरी चरण आते-आते प्रधानमंत्री मोदी जिस तरह से प्रचार कर रहे हैं क्या वह भाजपा के हारने या कमजोर पड़ने का लक्षण है? जानिए, आख़िर क्यों विपक्ष को सचेत रहना चाहिए।
क्या लोकसभा चुनाव के नतीजों को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है और इसका असर शेयर बाज़ार पर पड़ रहा है? क्या चुनाव की अनिश्चितता का भय शेयर बाज़ार को लग रहा है?
क्या इस बार बीजेपी के जातिगत समीकरण बिगड़ गए हैं? जानिए, आख़िर उसके साथ ऐसी मुश्किल क्यों आन पड़ी और इसके पीछे सबसे बड़ी वजहें क्या हैं।
पिछड़ा, दलित, आदिवासी, अल्पसंख्यक, गरीब और ग्रामीण जनता ही क्षेत्रीय दलों का आधार है। क्या बीजेपी जैसी राष्ट्रीय पार्टी इन दलों की जगह ले पाएगी?
चुनाव के ठीक पहले ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ पर रामनाथ कोविंद कमेटी की रिपोर्ट लाने की क्या जल्दी थी?
केंद्र सरकार ने ग़रीबी घटने के बड़े दावे किए हैं, लेकिन क्या यह पता है कि यह कैसे हुआ? क्या ग़रीबी रेखा के बारे में जानकारी है? क्या पता है कि प्रतिदिन कितने ख़र्च को आधार बनाया गया है?
एक सर्वे के अनुसार देश में पहली बार सात अंडर-ग्रेजुएट कोर्स में से पाँच में लड़कियों का अनुपात लड़कों से ऊपर हो गया है। इसका क्या संकेत है?
मोदी सरकार श्वेतपत्र यूपीए सरकार पर ले आई तो कांग्रेस ने ब्लैकपेपर पेश किया। आख़िर इनके मायने क्या थे और क्या सच में किसके शासन में अर्थव्यवस्था ठीक रही?
नीतीश कुमार के पाला बदलने के बाद क्या राम मंदिर का मुद्दा अब चर्चा से गायब हो गया है? आख़िर नीतीश कुमार से बीजेपी को क्या फायदा होगा और क्या नीतीश को भी कुछ फायदा मिल पाएगा?
क्या बीजेपी का 400 सीटों का लक्ष्य हवा में तीर चलाने जैसा है या फिर इसके अनुसार इसकी तैयारी भी है? क्या पार्टी की रणनीति उस स्तर की है?
कश्मीर समस्या का क्या समाधान है? क्या सिर्फ़ सेना की ताक़त से शांति आ सकती है? या फिर राजनैतिक हल निकालने की भी ज़रूरत है?
गांधी जिन वजहों से पश्चिमी सभ्यता को शैतानी कहते थे उनमें पश्चिम का अंध उपभोग भी एक बड़ा कारण था। यही पश्चिम अब गांधी के तौर-तरीकों जैसी मांग क्यों उठा रहा है?
राजनीति में क्या मुसलमानों के लिए अब जगह कम होती जा रही है? आज की भाजपा और सरकार अटल-आडवाणी वाले दौर से भी आगे निकल गई। तो बाक़ी दलों में क्या स्थिति है?
'एक देश एक चुनाव' यानी लोकसभा के साथ ही विधानसभाओं के चुनाव कराने की जो तैयारी की जा रही है, उसका असर क्या होगा?
राजनीतिक दल बेरोजगारी पर वादा करते हैं, सवाल खड़े करते हैं और जब सत्ता मिलती है तो उसी सवाल से भाग खड़े होते हैं। नरेंद्र मोदी से लेकर तेजस्वी यादव तक यही भयावह सच है।
वैधता पर सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला आ गया तो इस पर सवाल नहीं उठने चाहिए। लेकिन क्या अब तक सरकार की तरफ़ से ही कोई यह कहने की स्थिति में है कि नोटबंदी का फ़ैसला अच्छा था? कोई भी फ़ायदा गिनाया जा सकता है?
नेपाल चुनाव के नतीजे क्या वहाँ बड़े बदलाव लाने वाले साबित होंगे? क्या नेपाल बगैर राजशाही चल भी पाएगा? क्या देश में लोकतंत्र की जड़ें मज़बूत होंगी?
शिक्षा की हालत सुधर रही है या ख़राब हो रही है? दिल्ली में शिक्षा के हालात पर राजनीति क्यों है? असम में स्थायी शिक्षकों के पद ख़त्म क्यों किये जा रहे हैं?
दुनिया भर में महंगाई बढ़ रही है और इसका असर राजनीति पर भी पड़ रहा है। जानिए, आख़िर अमेरिका कैसे निपट रहा है और ब्रिटेन के दो प्रधानमंत्रियों ने कैसे निपटने की कोशिश की। भारत इनसे सबक़ लेगा?
क्या गुजरात चुनाव में इस बार बीजेपी की हालत ख़राब है? क्या कांग्रेस और आम आदम पार्टी बीजेपी के लिए कड़ी चुनौती पेश कर रहे हैं? जानिए, प्रधानमंत्री मोदी के आज के बयान के मायने क्या हैं।
संघ प्रमुख मोहन भागवत आख़िर चर्चित मुसलिम शख्सियतों से क्यों मिल रहे हैं? क्या यह पसमांदा मुसलमानों का समर्थन जुटाने का अभियान है?
स्पेनिश फ्लू हो या विश्व युद्ध, जब भारत में जनगणना का काम तब नहीं रुका तो कोरोना को कारण बता अब इसे क्यों रोका गया है? 2019 में तय समय पर जनगणना कार्य क्यों शुरू नहीं हुआ तब तो कोरोना आया ही नहीं था?
आज़ादी के जब 25 और 50 साल हुए थे तो कई बड़ी योजनाएँ शुरू की गई थीं, लेकिन 75 साल होने पर क्या कोई बड़ी योजना घोषित की गई?
पेट्रोल-डीजल की कीमतों के साथ ही खाद्य पदार्थों के दाम भी बढ़े हैं। क्या महंगाई के लिए पूरी तरह सरकार के फैसले और नीतियां जिम्मेदार हैं?
उत्तर प्रदेश में अपने दूसरे कार्यकाल में क्या योगी आदित्यनाथ के हाथ बांधने की कोशिश मोदी और शाह ने की है? क्या मंत्रिमंडल के गठन में योगी आदित्यनाथ की नहीं चली?