इजराइल की धमकियों और हमास के दुस्साहस ने इस युद्ध को प्रतिष्ठा का सवाल बना दिया है। बड़े देश या तो इजराइल के साथ हैं या फिर तटस्थ हैं। हमास ने पश्चिमी एशिया में सारा समीकरण बदल दिया है। अमेरिका खुलकर इजराइल के साथ आ गया है। रूस, चीन और तुर्की युद्ध रुकवाने के लिए मध्यस्थता की भूमिका निभाने को तैयार हैं, लेकिन रास्ते में व्यावहारिक मुश्किलें हैं। इस गुत्थी को समझिएः
इजराइल के प्रमुख अखबार हारेत्ज़ ने एक संपादकीय प्रकाशित किया है, जिसमें लिखा गया है कि हमास-इजराइल युद्ध के लिए अगर कोई शख्स जिम्मेदार है तो वो प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू हैं। कोई देश जब युद्ध में हो और वहां के बड़े अखबार का इतना खुला संपादकीय लिखना पत्रकारिता के उच्च मानदंडो का प्रमाण है। हारेत्ज का संपादकीय भारत-अमेरिका समेत उन तमाम देशों के लिए मिसाल है, जो ऐसे कठिन समय में अपनी सरकारों की हां में हां मिलाने लगते हैं और यह सब अंध राष्ट्रवाद के नाम पर किया जाता है।
हमास-इजराइल युद्ध का 11 अक्टूबर को पांचवां दिन है। इस युद्ध को शुरू करने वाले हमास का नाम सभी की जुबान पर है, आखिर हमास क्या है, कैसे बना, किसने खड़ा किया...इन सारे सवालों का जवाब देती यह रिपोर्टः
इजराइल और हमास के युद्ध का बुधवार को पांचवां दिन है। दोनों तरफ से मौतों की संख्या तीन हजार तक जा पहुंची है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इजराइल के एक्शन को जायज ठहराया है। एक अमेरिकी प्लेन हथियार लेकर इजराइल पहुंच गया है।
आखिर हमास ने इजराइल पर हमला क्यों किया और इसके पीछे ईरान के जुड़ाव की बातें कितना सही हैं। ये सारे सवाल इस समय पूरी दुनिया में पूछे जा रहे हैं। इन सवालों का विश्लेषण भी किया जा रहा है। आप भी जानिए सारे सवालों के जवाबः
मंगलवार 10 अक्टूबर को हमास-इज़राइल युद्ध का चौथा दिन है। ग़ज़ा के घेरेबंदी सोमवार से शुरू हुई थी। नेतन्याहू ने कहा है कि यह तो अभी शुरुआत है। हमास ने यह युद्ध शुरू किया था, लेकिन इसे हम खत्म करेंगे। ग़ज़ा में अब इज़राइल अपनी शक्ति का प्रदर्शन कर रहा है। इस वजह से वहां शवों के अंबार लग रहे हैं।
इजराइल-हमास युद्ध पर जिस तरह की प्रतिक्रिया अंतरराष्ट्रीय तौर पर अब मिल रही है क्या दशकों से मिलती रही है? पिछले एक दशक में 30 हज़ार बच्चों सहित डेढ़ लाख लोगों की मौत मुद्दे क्यों नहीं बनी?
हमास और इजराइल युद्ध का रविवार 8 अक्टूबर को दूसरा दिन है। लेकिन यह धीरे-धीरे साफ होता जा रहा है कि कौन सा देश किसके साथ खड़ा है। दरअसल, हाल ही में सऊदी अरब और इजराइल के बीच समझौता हुआ है, इसलिए अब इस जानकारी का महत्व बढ़ गया है।
इज़राइल-फिलिस्तीन संघर्ष 1945 से जारी है। लेकिन इस बार हमास ने कहा कि मस्जिद अल अक्सा पर इजराइल की ओर से हो रहे बार-बार हमलों की वजह से उन्हें शनिवार को कार्रवाई के लिए मजबूर होना पड़ा। वो अल अक्सा में इजराइल को और अधिक अपराध की अनुमति नहीं दे सकते। आखिर यह सारा विवाद क्यों खड़ा हुआ, अल अक्सा मुद्दा क्या है, इजराइल बार-बार उकसावे की कार्रवाई क्यों कर रहा है। जानिए इस रिपोर्ट में। इस रिपोर्ट के संदर्भ न्यू यॉर्क टाइम्स और अल जज़ीरा से लिए गए हैं।
यह सवाल बार-बार उठ रहा है कि इज़राइल अपने देश की सुरक्षा को लेकर तमाम दावे करता रहा है और अत्याधुनिक तकनीक के जरिए उसके सभी शहर सुरक्षित हैं, इसके बावजूद हमास के लड़ाके अंदर कैसे घुस गए। हमास की अल कासम ब्रिगेड ने ऑपरेशन अल अक्सा को किस तरह अंजाम दिया। अल जज़ीरा ने इस पर एक रिपोर्ट प्रकाशित की है। यह रिपोर्ट उसी हवाले से है।
हमास-इज़राइल युद्ध दूसरे दिन और तेज हो गया है। इज़राइल वाले इलाके और ग़ज़ा में भी बड़ी तादाद में लोग मारे जा चुके हैं। जानिए क्या हालात हैं।
इजराइल-हमास के युद्ध में कौन जीत रहा है, यह कहना मुश्किल है। लेकिन इजराइल की ओर से जो फोटो और वीडियो जारी किए जा रहे हैं, उससे पता चलता है कि हमास के हमले काफी दहलाने वाले हैं। इजराइल का आरोप है कि हमास नागरिकों की हत्या कर रहा है। इस बीच भारत ने इजराइल का समर्थन किया है। यह भी जानिए कि आखिर हमास ने हमले क्यों शुरू किए, क्या है इसकी वजहः
हमास ने ग़ज़ा में शनिवार को रॉकेट से हमले किए और कुछ चौकियों पर कब्जा कर लिया, जिन्हें इजराइल ने ग़ज़ा के इलाके में बनाया था। कई इजराइली टैंक तबाह हो गए। इजराइली फौज ने जलते हुए टैंक का फोटो जारी किया है। आईडीएफ यानी इजराइली डिफेंस फोर्स ने कहा है कि हम युद्ध के लिए तैयार हैं। यूएन, अमेरिका और इजराइल के हिसाब से हमास एक आतंकी संगठन है। लेकिन फिलिस्तीन के लोग उसे अपना संगठन मानते हैं। सरकार में भी उसकी हिस्सेदारी है।
इस्राइल और फिलिस्तीनियों के बीच खूनी संघर्ष फिर से शुरू हो गया है। वेस्ट बैंक में गुरुवार को इस्राइली सैनिकों ने 9 फिलिस्तीनियों की हत्या कर दी थी। इसके जवाब में शुक्रवार शाम को एक बंदूकधारी ने पूर्वी यरुशलम के इस्राइली पूजास्थल सिनेगॉग के पास हमला करके 8 लोगों को मार डाला।
इस्रायल के हमले पर अरब देश क्यों खामोश हैं? क्या अमेरिका और विश्व बिरादरी इसमें दखल देगी और देगी तो किस तरह? फ़िरोज़ मीठीबोरवाला, मुंबई, डॉ. सुनीलम, भोपाल, शीबा असलम फ़हमी, दिल्ली