'सबका साथ, सबका विकास' का नारा देकर 2014 में सत्ता में आने वाली बीजेपी इस बार क्या वायदे करेगी, सोमवार को साफ़ हो जाएगा जब पार्टी अपना चुनाव घोषणापत्र जारी करेगी।
ठीक चुनाव के समय लोकलुभावन नारे उठाने वाली पार्टियाँ दूसरे दलों के इसी तरह की घोषणाओं का मजाक उड़ाने में लगी हैं। क्या है मामला?
नरेंद्र मोदी के 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद से ही अहमद पटेल उनके और अमित शाह के निशाने पर रहे हैं। पिछले पाँच साल में अहमद पटेल पर इन हमलों के क्या हैं कारण?
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी लगातार उत्तर प्रदेश में घूम-घूमकर जनता से संवाद कर रही हैं। पार्टी को मजबूत करने के लिए वह ताबड़तोड़ दौरे करने में जुटी हैं।
अगर अर्थव्यवस्था और बेरोज़गारी के मसले पर वोट डाले गये तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी को बड़ी मुश्किल का सामना करना पड़ सकता है। हो सकता है कि वह दुबारा प्रधानमंत्री न बनें।
'राष्ट्रवाद', और देश की आंतरिक सुरक्षा जैसे मुद्दों पर घेरने वाली बीजेपी को कांग्रेस ने अब मोदी के पुराने भाषणों से जवाब दिया है। कांग्रेस ने ऐसे पुराने भाषणों वाले वीडियो दिखाकर चार सवाल पूछे हैं।
लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने पार्टी नेतृत्व से नाराज़ होकर इस बार चुनाव नहीं लड़ने का फ़ैसला किया है। इसके साथ ही उनके राजनीतिक जीवन का अंत माना जा रहा है।
चुनाव को बेरोज़गारी, किसानों की ख़राब हालत जैसे अहम मुद्दों से हटाकर राष्ट्रवाद, देशप्रेम, पाकिस्तान विरोध और हिंदू-मुसलमान पर केंद्रित करने की कोशिश की जा रही है।
अब तक राज्य की राजनीति के हाशिए पर खड़ी भारतीय जनता पार्टी पश्चिम बंगाल के सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस को क्यों दे रही है चुनौती? क्या इसके लिए टीएमसी ख़ुद ज़िम्मेदार है?
पंजाब में कई मौजूदा सांसद इस बार चुनाव में बाग़ी हो गए हैं। 2014 में जीत हासिल करने वाले ये सांसद अब उस दल में नहीं हैं। जिससे चुनाव रोचक हो गए हैं।
टीएमसी और बीजू जनता दल को छोड़ किसी राजनीतिक पार्टी ने इस बार भी एक तिहाई सीटें महिलाओं को नहीं दी। ऐसा क्यो है?
राहुल गाँधी ने वायनाड को देश के राजनीतिक मानचित्र पर ख़ास पहचान दिला दी है। पश्चिमी घाट की हरी-भरी सुंदर पहाड़ियों के बीच बसे वायनाड को लेकर लोगों के मन में कई तरह के सवाल हैं। जवाब क्या होगा?
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी ने केरल की वायनाड लोकसभा सीट से पर्चा दाख़िल कर दिया। केरल में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी की सरकार है। इसके बावजूद वायनाड सीट पर कांग्रेस की पकड़ काफ़ी मज़बूत मानी जाती रही है।
कांग्रेस के घोषणापत्र पर आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अरुणाचल प्रदेश में जमकर बरसे। उन्होंने कांग्रेस के घोषणापत्र को ढकोसलापत्र बताया।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी के दो सीटों से लोकसभा चुनाव लड़ने पर एक अहम सवाल यह है कि अगर राहुल गाँधी दोनों सीटों से जीत जाते हैं तो अगली लोकसभा में वह किस सीट का प्रतिनिधित्व करेंगे और किस सीट से इस्तीफ़ा देंगे?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 का चुनाव नई उम्मीदों के रथ पर सवार होकर जीता था। अब पाँच साल बाद उन उम्मीदों, सपनों और वादों की जाँच-पड़ताल जारी है।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी अपनी पारंपरिक सीट अमेठी के अलावा केरल के वायनाड से भी लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। आख़िर माजरा क्या है? देखिये वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष, शीतल पी सिंह और यूसुफ़ अंसारी की चर्चा।
चुनाव से पहले वोटरों को ठगने के प्रोपगेंडा का फ़ेसबुक ने भंडाफोड़ क्या किया राजनीतिक दल एक-दूसरे को फ़ेक न्यूज़ फैलाने वाले बताने लगे। इसने क़रीब 700 फ़ेसबुक पेज और खातों को हटा दिया।
आज़ादी के बाद देश को सत्तर साल हो गये हैं, लेकिन इसके नेता एक किशोर की भाषा बोलते हैं। राष्ट्र व्यस्क हो गया है, लेकिन इसके नेता एक बुरे नौसिखिये की तरह आपस में लड़ते हैं।
राहुल गाँधी अमेठी के साथ केरल की वायनाड लोकसभा सीट से भी चुनाव लड़ेंगे। बीजेपी के तमाम नेता कह रहे हैं कि राहुल अमेठी में स्मृति ईरानी के मुक़ाबले अपनी हार से डर गए हैं। तो क्या सच में राहुल डर गये हैं?
लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण के लिए नामांकन तक शुरू हो गया, लेकिन उत्तर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी में सिर फ़ुटौव्वल और बग़ावत चरम पर हैं। क्या है वजह?
रायबरेली में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जब कहा कि आप रायबरेली से चुनाव लड़ें तो इसके जवाब में प्रियंका गाँधी ने कहा कि अगर वे बनारस से चुनाव लड़ती हैं तो कैसा रहेगा? कहीं वह मोदी के ख़िलाफ़ तो नहीं उतरेंगी? देखिये वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष और शैलेष की चर्चा।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी ने अयोध्या रोडशो के दौरान बीजेपी पर चोट करते हुए कहा कि यह चुनाव संविधान बचाने के लिए लड़ा जा रहा है, जो ख़तरे में है।
लोकसभा चुनाव के पहले चरण में पश्चिमी उत्तर प्रदेश की 8 सीटों पर 11 अप्रैल को वोट डाले जाएँगे।राजनीतिक दृष्टि से पश्चिमी उत्तर प्रदेश बेहद महत्वपूर्ण इलाक़ा है।
सोनिया लड़ें या प्रियंका सीट तो इस परिवार के पास ही रहने की उम्मीद है। लेकिन बीजेपी इन दिनों सोनिया से ज़्यादा आक्रामक राहुल और प्रियंका को लेकर है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण से यह बात साफ़ हो गई है कि चुनाव राष्ट्रवाद, राष्ट्रीय सुरक्षा, देशप्रेम, पाकिस्तान विरोध तथा आतंकवाद के मुद्दों पर लड़ा जाएगा।