सत्ता के लिए राजनीतिक दल किस स्तर तक गिर सकते हैं, एमसीडी यानी दिल्ली नगर निगम का चुनाव उसका सबसे बड़ा प्रमाण है। किस राजनीतिक दल का नाम लें। कोई किसी से कम नहीं। शुचिता, मर्यादा, ईमानदारी, भ्रष्टाचार मुक्त दिल्ली की बात करने वाले बहुत घटिया राजनीति पर उतर आए हैं।
दिल्ली हाईकोर्ट ने एमसीडी स्थायी समिति के दोबारा चुनाव पर रोक लगा दी है। स्थायी समिति के 6 सदस्यों को चुनने के लिए मेयर शैली ओबरॉय ने 27 फरवरी को बैठक बुला रखी है। पिछले तीन दिनों से 6 सदस्यों के चुनाव को लेकर हंगामा चल रहा है। लेकिन बीजेपी अब स्टे लेकर आई है तो आप को यह झटका लगा है।
एमसीडी की स्थाई समिति में कुल 18 सदस्य होते हैं, जिनमें 6 सदस्य पार्षदों के द्वारा चुने जाते हैं तो 12 सदस्य एमसीडी के अलग-अलग जोन से चुने जाते हैं। केंद्र सरकार ने सुचारू कामकाज के लिए एमसीडी को 12 प्रशासनिक जोन में बांटा हुआ है।
एमसीडी सदन में मेयर का चुनाव जहां जितनी शांति से हुआ, वहां स्टैंडिंग कमेटी के सदस्यों का चुनाव करने के लिए बीजेपी और आम आदमी पार्टी के पार्षद रातभर मारपीट, हाथापाई करते रहे। एमसीडी सदन की बैठक के जो वीडियो और फोटो सामने आए हैं वो शर्मसार करने वाले हैं। सत्ता की भूख ने सभी दलों के पार्षदों को इतना निम्न स्तर पर गिरा दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को बहुत साफ शब्दों में कहा है कि दिल्ली मेयर के चुनाव में मनोनीत पार्षदों को वोटिंग का अधिकार नहीं है। सुप्रीम कोर्ट के इस नजरिए से दिल्ली के उपराज्यपाल के मंसूबों पर पानी फिर सकता है।
एमसीडी में मेयर का चुनाव आज सोमवार को होने वाला है। अभी तक चुनाव दो बार स्थगित हो चुका है। दिल्ली के मामलों पर बारीक नजर रखने वाले वरिष्ठ पत्रकार दिलबर गोठी बता रहे हैं कि इस बार भी चुनाव की उम्मीद कम है।
एमसीडी में आज मंगलवार को मेयर और अन्य पदों के लिए चुनाव है। क्या यह चुनाव शांतिपूर्वक हो पाएंगे। आखिर आम आदमी पार्टी के पार्षदों में क्या खतरा मंडरा रहा है।
मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव में राजनीतिक दलों को सबसे बड़ा डर क्रॉस वोटिंग का होता है क्योंकि इसमें पार्षदों पर दल-बदल कानून लागू नहीं होता और राजनीतिक दल अपने पार्षदों के लिए व्हिप भी जारी नहीं कर सकते।
डिप्टी मेयर के पद पर आले मोहम्मद इकबाल को मैदान में उतारा गया है। शैली ओबेरॉय वार्ड 86 पटेल नगर विधानसभा से निगम पार्षद चुनी गई हैं जबकि आले मोहम्मद इकबाल ने वार्ड संख्या 76 मटिया महल विधानसभा से पार्षद का चुनाव जीता था।
मेयर के पद के लिए पहला साल महिलाओं के लिए आरक्षित है और आम आदमी पार्टी की ओर से प्रोमिला गुप्ता और सारिका चौधरी का नाम मेयर पद की दौड़ में आगे चल रहा है। एमसीडी के चुनाव में आम आदमी पार्टी को 134, बीजेपी को 104 और कांग्रेस को 9 सीटों पर जीत मिली थी और 15 साल से एमसीडी की सत्ता में बैठी बीजेपी की विदाई हो गई थी।