उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के एलान के बाद तमाम राजनीतिक दल प्रत्याशियों के नामों को फाइनल करने की कसरत में जुट गए हैं।
यूपी विधानसभा चुनाव में तमाम दलों की रणनीतियां धीरे-धीरे सामने आने लगी हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के 80 बनाम 20 के बयान से पार्टी का इरादा जाहिर तो हो गया लेकिन पार्टी सतर्क भी है और उसे सफाई देनी पड़ रही है।
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश में महिलाओं को चुनावी मुद्दा बना दिया है तो क्या इस बार महिला वोटर ही चुनावी दिशा तय करेंगी?
ब्राह्मण बहुल मथुरा सीट से योगी आदित्यनाथ को चुनाव लड़ाने की सलाह देकर क्या उन्हें फंसाने की कोशिश की जा रही है?
Satya Hindi news Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। बीजेपी : पीएम की कानपुर रैली में गड़बड़ी करने की थी साज़िश। कैंब्रिज विश्वविद्यालय की चेतावनी: भारत में जल्द कोरोना विस्फोट
तमाम आला नेता तो बीजेपी के लिए चुनाव प्रचार में जुटे ही हैं लेकिन बीजेपी के चुनावी चाणक्य कहे जाने वाले गृह मंत्री अमित शाह की बड़ी भूमिका इस चुनाव में रहेगी।
बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने क्यों कहा कि उन्हें चुनाव में टिकट मिले या नहीं, कोई फर्क नहीं पड़ता, वे मुद्दे उठाते रहेगे? क्या यह खुली बग़ावत है?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गंगा एक्सप्रेस वे के उद्घाटन के मौके पर क्यों उठाया अयोध्या-काशी का मुद्दा, क्या यूपी चुनाव इसी बूते लड़ा जाएगा?
शिवपाल यादव और अखिलेश यादव की 16 दिसम्बर को मुलाकात हो चुकी है। लेकिन आखिर ऐसी क्या मजबूरी थी, जिसने दोनों को एक किया। हालांकि इसमें आजम खान की सलाह शामिल थी लेकिन शिवपाल ने जमीनी स्तर पर दौरा करके जान ली थी हकीकत...
उत्तर प्रदेश में बीजेपी अब एक महीने के लिए काशी विश्वनाथ उत्सव मनाने की तैयारी क्यों कर रही है और क्यों 51000 एलईडी स्क्रीन लगाई जाएँगी?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समाजवादी पार्टी पर हमला करते हुए उसे आतंकवादियों का मददगार और रेड अलर्ट तक कह दिया। क्या यह राजनीतिक गरिमा के अनुकूल है?
उत्तर प्रदेश में चुनाव से पहले बीजेपी ने एक के बाद एक कई घोषणाओं के साथ ही अब सभी विधानसभा सीटों को कवर करने के लिए यात्राओं की रणनीति क्यों बनाई है?
कानपुर में बीजेपी की रैली के पहले सैकड़ों झुग्गियों को हटा दिया गया, इससे लोग परेशान हैं, बेघर हो गए हैं। क्या कहना है बीजेपी का?
समाजवादी पार्टी के चार विधानसभा परिषद सदस्यों रमा निरंजन, सी. पी. चंद्र, नरेंद्र भाटी व रविशंकर पप्पू के शामिल होने से बीजेपी को क्या फ़ायदा होगा?
तेज़ी से बदल रहे राजनीतिक हालात के बीच बीजेपी की कोशिश एक बार फिर उत्तर प्रदेश की सत्ता में वापसी करने की है। लेकिन किसान आंदोलन उसके गले की फांस बन गया है।
यूपी चुनाव पर रणनीति बनाने के लिए यूपी बीजेपी वाराणसी में चार दिनों की बैठक कर रही है, इसमें अमित शाह मौजूद रहेंगे।
हाल में 13 राज्यों में 29 विधानसभा सीटों और 3 लोकसभा सीटों के उपचुनाव के नतीजों ने बीजेपी को आख़िर क्यों हिला कर रख दिया है? जानिए, वरिष्ठ पत्रकार श्रवण गर्ग क्या लिखते हैं।
उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री और बीजेपी में पिछड़ी जाति के बड़े चेहरे केशव प्रसाद मौर्य के ताज़ा बयान के बाद बीजेपी में सीएम के चेहरे को लेकर बहस छिड़ गई है।
उत्तर प्रदेश के चुनाव को लेकर बीजेपी का राष्ट्रीय नेतृत्व भी ख़ासा सक्रिय है और प्रदेश बीजेपी के पदाधिकारियों के साथ लगातार बैठकें कर रहा है।
मायावती के कोर वोट बैंक यानी जाटव समुदाय में सेंध लगाने के लिए बीजेपी ने बेबी रानी मौर्य को मैदान में उतार दिया है।
बीजेपी ओबीसी और दलितों के बीच जाति आधारित सम्मेलन करके अपनी सियासी जमीन को मजबूत कर रही है।
समाजवादी पार्टी से बीजेपी में शामिल हुए नितिन अग्रवाल को विधानसभा उपाध्यक्ष पद के लिए समर्थन देने का एलान कर बीजेपी बनिया समुदाय को आकर्षित कर रही है?
लखीमपुर खीरी की घटना के बाद किसानों के साथ ही विपक्ष भी योगी सरकार के ख़िलाफ़ मैदान में डट गया है। इससे बीजेपी को 2022 के चुनाव में राजनीतिक नुक़सान हो सकता है।
उत्तर प्रदेश में 2022 का चुनाव जीतने की रणनीति बना रही बीजेपी अब ओबीसी, दलितों और मुसलिमों के बीच आधार बढ़ाने की तैयारी में है।
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से लगभग पाँच महीने पहले मंत्रिमंडल विस्तार कर उत्तर प्रदेश बीजेपी क्या संकेत देना चाहती है?
बीजेपी ने पंजाब सरकार में 15 मंत्रियों के शामिल करने के थोड़ी देर बाद ही उत्तर प्रदेश में भी मंत्रिमंडल का विस्तार किया है। इससे क्या बीजेपी को अगले विधानसभा चुनाव में कोई मदद मिलेगी?