पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर एक बार फिर सोशल मीडिया पर मजाक का पात्र बन गए हैं। शहबाज शरीफ ने हाल ही में आयोजित एक हाई-प्रोफाइल डिनर में जनरल मुनीर को एक फ्रेम की गई तस्वीर उपहार में दी, जिसे उन्होंने भारत के ख़िलाफ़ 'ऑपरेशन बुन्यान-अल-मरसूस' की तस्वीर बताया। लेकिन यह तस्वीर 2019 के एक चीनी सैन्य अभ्यास की निकली। इसके बाद इस हरकत की सोशल मीडिया पर जमकर खिल्ली उड़ाई गई।

पाकिस्तान सेना के नव-नियुक्त फील्ड मार्शल आसिम मुनीर ने पिछले हफ़्ते एक भव्य डिनर का आयोजन किया था। इसमें देश के शीर्ष राजनेताओं और सैन्य अधिकारियों ने हिस्सा लिया। इस आयोजन का मक़सद 'मरका-अल-हक'- ऑपरेशन 'बुन्यान-अल-मरसूस' के तहत पाकिस्तान की कथित सैन्य सफलता का जश्न मनाना था। इस अभियान को पाकिस्तान ने भारत के 'ऑपरेशन सिंदूर' के जवाब में शुरू किया था। इस डिनर में शहबाज शरीफ ने जनरल मुनीर को एक फ्रेम की गई तस्वीर उपहार में दी जिसे उन्होंने ऑपरेशन बुन्यान की तस्वीर बताया।

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एक्स यूजरों ने इस तस्वीर की सत्यता पर सवाल उठा दिए। मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि जाँच करने पर पता चला कि यह तस्वीर 2019 में चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के एक सैन्य अभ्यास की थी, जिसे पाकिस्तान ने अपनी सैन्य कार्रवाई के सबूत के रूप में पेश किया।

जब एक यूज़र ने इसको फ़ैक्ट चेक करने के लिए कहा तो ग्रोक ने लिखा, "यह दावा संभवत: सही है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री द्वारा जनरल आसिम मुनीर को भेंट की गई तस्वीर 2019 के चीनी सैन्य अभ्यास की है, न कि ऑपरेशन 'बुन्यान-अल-मरसूस' की। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट और द प्रिंट जैसे मीडिया की 2021 की रिपोर्टों से पुष्टि होती है कि यह तस्वीर चीन के पीसीएल-191 रॉकेट सिस्टम से मेल खाती है, जो 2019 में पहली बार प्रदर्शित हुआ और 2021 में तैनात किया गया। इसे किसी पाकिस्तानी अभियान से जोड़ने का कोई सबूत नहीं है। हालाँकि, तस्वीर तक सीधी पहुंच के बिना कुछ अनिश्चितता बनी हुई है। इरादा गलत रूप से पेश करना है या प्रतीकात्मक इशारा, आधिकारिक बयानों के बिना साफ़ नहीं है।"

इस घटना ने सोशल मीडिया पर हंगामा मचा दिया, जहां नेटिजन्स ने पाकिस्तान की इस 'फोटोशॉप' हरकत का जमकर मजाक उड़ाया। एक यूजर ने लिखा, 'पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ़ ने आसिम मुनीर को 2019 के चीनी सैन्य अभ्यास की तस्वीर दी, इसे ऑपरेशन बुन्यान-अल-मरसूस बताकर। क्या यह भी कोई देश है?'

एक यूजर ने लिखा, 'जब युद्ध के मैदान में जीत नहीं मिलती, तो कैनवा में जीत हासिल करते हैं!' एक अन्य यूजर ने टिप्पणी की, 'शहबाज शरीफ ने आसिम मुनीर को चीनी ड्रिल की तस्वीर उपहार में दी। लगता है उन्हें गूगल इमेज सर्च की जानकारी नहीं है।'

भारत के कुछ राजनेताओं ने भी इस घटना पर चुटकी ली। बीजेपी नेता बीएल श्रीनिवास सोलंकी ने एक्स पर लिखा, "जब आपकी 'विजय' के लिए बीजिंग से स्टॉक इमेज चाहिए, तो यह रणनीति नहीं, राष्ट्रीय शर्मिंदगी है।"

यह विवाद भारत और पाकिस्तान के बीच हाल के सैन्य तनाव से जुड़ा है। 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत के बाद भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' शुरू किया, जिसमें पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया। भारत ने 9-10 मई की रात को नूर खान एयरबेस सहित 11 पाकिस्तानी एयरबेस पर हमले किए, जिससे भारी नुक़सान हुआ।

पाकिस्तान ने इसके जवाब में 'ऑपरेशन बुन्यान-अल-मरसूस' की बात कही, लेकिन इसकी सत्यता पर शुरू से ही सवाल उठे। शहबाज शरीफ ने स्वीकार किया कि जनरल आसिम मुनीर ने उन्हें 10 मई की रात 2:30 बजे फोन कर भारत के हमलों की जानकारी दी थी। इस फर्जी तस्वीर ने पाकिस्तान के दावों की विश्वसनीयता को और कमजोर कर दिया।

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यह पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान की सैन्य नैरेटिव को सोशल मीडिया पर चुनौती दी गई है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह की हरकतें पाकिस्तान की प्रचार मशीनरी की कमजोरी को उजागर करती हैं। 

यह घटना न केवल पाकिस्तान के सैन्य दावों पर एक मजाक बन गई है, बल्कि यह भी दिखाती है कि डिजिटल युग में फर्जीवाड़ा छिपाना कितना मुश्किल है। सोशल मीडिया पर चल रही ट्रोलिंग और तीखी आलोचनाओं के बीच पाकिस्तान सरकार और सेना ने इस तस्वीर विवाद पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है।