नीतीश खुद विपक्षी एकता के लिए काम कर रहे हैं और उन्होंने कहा है कि 2025 के विधानसभा चुनाव में तेजस्वी यादव महागठबंधन का नेतृत्व करेंगे। नीतीश के इस बयान के क्या मायने हैं।
लोकसभा चुनाव 2024 से पहले कुढ़नी में मिली जीत से बीजेपी का खुश होना स्वाभाविक है। इससे पहले गोपालगंज में भी उसे जीत मिली थी। लेकिन कुढ़नी में जेडीयू-महागठबंधन समर्थित उम्मीदवार की हार का क्या मतलब है?
गुजरात विधानसभा चुनाव में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम ने उन सीटों पर ही उम्मीदवार उतारे हैं जहाँ पर मुसलिम आबादी काफी संख्या में है। तो सवाल है कि वह चुनाव किसके ख़िलाफ़ लड़ रहे हैं और किसको इसका फायदा होगा?
एआईएमआईएम को बिहार के विधानसभा चुनाव में पांच सीटें मिली थीं लेकिन बाद में उसके चार विधायक आरजेडी के साथ चले गए थे। गोपालगंज सीट पर एआईएमआईएम का प्रदर्शन क्या आरजेडी के लिए बिहार में उसके आधार मुस्लिम वोट में सेंध लगने की चेतावनी है?
राष्ट्रीय जनता दल में जगदानंद सिंह को लेकर अलग-अलग कयास क्यों लगाए जा रहे हैं? क्या वह पार्टी से अलग होने का विचार कर रहे हैं? क्या वह ऐसा कर सकते हैं?
जय प्रकाश नारायण की विरासत को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और अमित शाह में क्यों तलवारें तनी हैं? जानिए दोनों नेता जेपी के बारे में क्या दावे कर रहे हैं।
क्या बीजेपी आरक्षण की पैरवी करती है? अगड़ों की पार्टी मानी जाती रही बीजेपी बिहार में पिछड़ों के नेता माने जाते रहे नीतीश कुमार के जदयू को आरक्षण विरोधी क्यों कह रही है?
पटना हाई कोर्ट के द्वारा बिहार के स्थानीय निकाय चुनावों में ओबीसी और ईबीसी के लिए सीटों के आरक्षण को अवैध करार देने के बाद राज्य में इसे लेकर कैसी प्रतिक्रिया है?
तेलंगाना राष्ट्र समिति के प्रमुख के चंद्रशेखर राव क्या विपक्षी एकता को मज़बूत करने के लिए बिहार में नीतीश कुमार और तेजस्वी से मिलने पहुँचे? आख़िर 2024 के चुनाव के लिए विपक्ष में चल क्या रहा है?
पटना में राजनीतिक गर्मी बहुत हद तक शांत हो चुकी है और रांची में भी बारिश हो रही है लेकिन यह महीना झारखंड की राजनीति को गरमा सकता है। बीजेपी बिहार का गुस्सा झारखंड में निकाल सकती है।
बिहार में बीजेपी और जेडीयू की खटास बढ़ती जा रही है। हद तो यह है कि गठबंधन के दोनों दल अब अपनी-अपनी सीटों पर तैयारी के दावे तक करने लगे हैं। अभी गृह मंत्री अमित शाह पटना आए तो उनसे जेडीयू के किसी महत्वपूर्ण नेता ने मुलाकात तक नहीं की, जबकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कोरोना की वजह से किसी से नहीं मिल रहे हैं।
नीतीश कुमार 45 विधायकों के साथ बिहार के मुख्यमंत्री बने हुए हैं और एकनाथ शिंदे के भी दावों के अनुसार 40-50 विधायकों के साथ मुख्यमंत्री बन गए हैं। दोनों जगह बीजेपी गठबंधन में है। तो क्या दोनों नेता एक जैसे हैं?