चुनाव आयोग (ईसीआई) ने बिहार में होने वाले आगामी विधानसभा चुनावों से पहले मतदाता सूची के "विशेष गहन संशोधन" (एसआईआर) की घोषणा की है। इसके तहत, 2003 की मतदाता सूची में शामिल न होने वाले सभी मौजूदा मतदाताओं को अपनी पात्रता साबित करने के लिए जन्म तिथि और/या जन्म स्थान का दस्तावेजी प्रमाण फिर से जमा करना होगा। यह कदम देशव्यापी अभियान की शुरुआत है, जिसका उद्देश्य मतदाता सूची की शुद्धता सुनिश्चित करना और अवैध प्रवासियों के नाम हटाना है। हालांकि ईसीआई मतदाता सूची के मुद्दे पर विश्वसनीयता के संकट का सामना कर रहा है। प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस और अन्य ने चुनाव आयोग पर पारदर्शिता न बरतने और सत्तारूढ़ पार्टी के पक्ष में हेरफेर का आरोप लगाया है। इस संबंध में महाराष्ट्र की मतदाता सूचियों का मुद्दा अभी तक गरमाया हुआ है।