पठान फिल्म क्या शाहरुख ख़ान की लोकप्रियता से सुपरहिट हुई? क्या फिल्म इतनी बेहतरीन है या फिर बहिष्कार के आह्वान से फिल्म ने 1000 करोड़ की कमाई कर ली? दरअसल, सचाई कुछ और है। जानें फिल्म कैसे सुपरहिट हुई।
मुगल इतने ही बुरे थे तो
फिर लालकिला, ताजमहल जैसी और भी न जाने कितनी चीजें हैं जो उन्होंने बनाईं उन्हें भी मिटा देना चाहिए। अगर
मुगल सभी बुरी चीजों के प्रतीक थे, तो फिर इनका सबकुछ मिटा देना चाहिए।
अक्षय कुमार के पास कनाडा का पासपोर्ट है या नहीं? यह विवाद अब नहीं उठेगा। जानिए, आख़िर अक्षय कुमार ने ऐसा क्या कह दिया कि अब और पुष्टि की ज़रूरत ही नहीं।
फिल्म गांधी गोडसेः एक युद्ध फिल्म पर बहस जारी है। इसके लेखक असगर वजाहत ने इस पर अपनी सफाई पेश की है। उन्होंने लिखा है कि लोग पहले फिल्म देखें, फिर टिप्पणी करें। सोशल मीडिया पर इस फिल्म की धज्जियां उड़ रही हैं।
'गांधी गोडसे एक युद्ध' के बहाने आख़िर लेखक असगर वजाहत और निर्देशक राजकुमार संतोषी क्या कहना चाहते हैं? क्या गोडसे को गांधी के बराबर लाकर खड़ा करने की कोशिश है?
पठान फिल्म बॉलीवुड में रोजाना नए रेकॉर्ड बना रही है। नई-नई संभावनाएं पैदा हो रही हैं। हालांकि कट्टरपंथी ताकतों को करारा जवाब मिल चुका है लेकिन इसके बावजूद यह तबका रोजाना कुछ न कुछ खुराफात में लगा हुआ है।
सर्वश्रेष्ठ मूल गीत श्रेणी में गोल्डन ग्लोब जीतने वाले भारतीय फ़िल्म RRR के नातू नातू सॉन्ग को अब ऑस्कर के लिए नामांकन किया गया है। जानिए, भारत से और कौन सी फ़िल्मों का नामांकन।
इरफान खान का आज जन्मदिन है। बॉलीवुड से लेकर हॉलिवुड तक उनको याद किया जा रहा है कि आज इरफान होते तो अपना 55वां जन्मदिन मना रहे होते। जाने-माने फिल्म पत्रकार अजय ब्रह्मात्मज ने इरफान पर एक किताब लिखी है, ढेरों इंटरव्यू किए हैं। उसी पर आधारित है यह लेखः
साल 2023 में पठान से लेकर द कश्मीर फाइल्स और लाल सिंह चड्ढा जैसी कई फिल्में चर्चा के केंद्र में रहीं। कई फिल्मों को लेकर सोशल मीडिया पर बॉयकॉट का अभियान चलाया गया। क्या 2023 में कुछ बदलेगा या हालात ऐसे ही रहेंगे?
'पठान' फिल्म में क्या इसलिए बदलाव करने को कहा गया क्योंकि बीजेपी के नेता व मंत्री और दक्षिणपंथी विचार वाले लोगों ने आपत्ति की? जानिए, सेंसर बोर्ड के प्रमुख ने क्या कहा।
शाहरुख़ ख़ान की फ़िल्म पठान रिलीज हो गई है और इसको जबर्दस्त प्रतिक्रिया मिली है। तो सवाल है कि आख़िर इसका बहिष्कार क्यों किया गया? क्या इससे पहले बहिष्कार नहीं हुआ है और तब क्या इसके प्रदर्शन पर असर पड़ा?
फ़िल्मों पर बार-बार विवाद क्यों हो रहा है? क्या फ़िल्में किसी भीड़ या फिर छुटभैये संगठनों की मर्जी से चलाई जाएंगी? अगर ऐसा हुआ तो क्या फ़िल्में बॉक्स ऑफिस पर चल पाएंगी?