फ़िल्मों मे विलेन हमेशा से एक ऐसा चरित्र रहा है, जो अपनी क्रूरता, दुष्टता, चालाकी, धोखेबाजी और धूर्तता से फिल्म में नायक के कद को मजबूत करता है। कभी कभी खलनायक का एक संवाद पूरी फिल्म पर भारी रहता है। “सारा शहर मुझे लायन के नाम से जानता है” (कालीचरण 1976) यह संवाद ऐसा ही था। इसे बोलने वाले विलेन का नाम था अजीत। हालांकि अजीत ने फिल्मों में खलनायक के तौर पर प्रवेश नहीं किया था। अजीत का 27 जनवरी को सौवां जन्मदिन था।
वह विलेन जो खास अंदाज में दुश्मन को तड़पाता था…
- सिनेमा
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- 29 Jan, 2022

बॉलीवुड में सबसे बढ़िया विलेन की भूमिका निभाने वालों में से एक अजीत ख़ान का 27 जनवरी को 100 वां जन्मदिन था। जानिए, वह इस मुकाम पर कैसे पहुँचे।
अजीत का असली नाम हामिद अली खान था। उनके पिता बशीर अली खान हैदराबाद के निज़ाम की सेना में अधिकारी थे। उन्हीं के घर 27 जनवरी 1922 को हामिद अली खान की पैदाइश हुई। कॉलेज में फ़ुटबाल खेलने और नाटक करने के अलावा हामिद को पढ़ाई में कभी दिलचस्पी नहीं रही। एक दिन क्लास में पढ़ाई को लेकर हामिद के लपरवाह रवैये से नाराज़ उनके शिक्षक ने उनसे कहा कि वो या तो अपने पिता से कह कर फ़ौज में भरती हो जाएं या फिर फ़िल्मों में क़िस्मत आज़माएं।