फ़िल्मों मे विलेन हमेशा से एक ऐसा चरित्र रहा है, जो अपनी क्रूरता, दुष्‍टता, चालाकी, धोखेबाजी और धूर्तता से फिल्म में नायक के कद को मजबूत करता है। कभी कभी खलनायक का एक संवाद पूरी फिल्म पर भारी रहता है। “सारा शहर मुझे लायन के नाम से जानता है” (कालीचरण 1976) यह संवाद ऐसा ही था। इसे बोलने वाले विलेन का नाम था अजीत। हालांकि अजीत ने फिल्मों में खलनायक के तौर पर प्रवेश नहीं किया था। अजीत का 27 जनवरी को सौवां जन्मदिन था।