इंदिरा गांधी के प्रधानमंत्री रहते देश में महानगर टेलीफ़ोन निगम लिमिटेड (एमटीएनएल) की स्थापना हो चुकी थी क्या? जब मोरारजी देसाई प्रधानमंत्री थे तब क्या दूरदर्शन डीडी नेशनल कहलाता था? क्या जनता पार्टी की सरकार जाने के फ़ौरन बाद कोकाकोला की भारत में वापसी हो गई थी?

फ़िल्म के आख़िरी दृश्य में आदिल हुसैन और वानी की टेलीफ़ोन पर बातचीत से खुलासा होता है कि वह भी रॉ की एक सीक्रेट एजेंट हैं। खुर्राट बेलबॉटम आईएसआई की साज़िश तो सूंघ लेता है लेकिन अंत तक यह नहीं जान पाता कि उसकी फैशनेबल बीवी भी एक सीक्रेट एजेंट है।
ये सवाल ‘कौन बनेगा करोड़पति’ की तैयारी कर रहे लोगों के अलावा सतर्क क़िस्म के सिनेमा दर्शकों के दिमाग़ में भी अक्षय कुमार की फ़िल्म बेलबाॅटम (हिंदी में शीर्षक बैल बॉटम लिखा दिखा) देखते समय उठ सकते हैं। इंदिरा गांधी के ज़माने में भारतीय ख़ुफ़िया एजेंसी राॅ का एक सीक्रेट एजेंट अंशुल मल्होत्रा उर्फ़ बेलबाॅटम एक विमान अपहरण कांड में पाकिस्तानी एजेंसी आईएसआई को धूल चटाकर न सिर्फ़ सभी यात्रियों को सकुशल दुबई से भारत ले आता है बल्कि पाकिस्तानी विमान अपहर्ताओं और आतंकवादियों को भी सलाखों के पीछे पहुँचा देता है। फ़िल्म इसी कारनामे के बारे में है। बेलबाॅटम की भूमिका अक्षय कुमार ने निभाई है।