कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ चल रहे किसान आन्दोलन पर ब्रिटिश संसद में हुई बहस का मामला तूल पकड़ता जा रहा है और इसका असर दोनों देशों के राजनयिक रिश्तों पर भी पड़ने लगा है। विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को ब्रिटिश उच्चायुक्त को तलब किया और उनसे इस बहस पर विरोध जताया। विदेश मंत्रालय ने ब्रिटिश संसद में हुई बहस को भारत के 'आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप' और 'वोटबैंक राजनीति' क़रार दिया। लंदन स्थित भारतीय उच्चायुक्त ने इसके पहले ही बयान जारी कर विरोध प्रकट किया था।
भारत ने ब्रिटिश उच्चायुक्त को किया तलब, विरोध जताया
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- 10 Mar, 2021
विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को ब्रिटिश उच्चायुक्त को तलब किया और ब्रिटिश संसद में भारत के किसान आन्दोलन पर हुई बहस पर विरोध जताया। विदेश मंत्रालय ने ब्रिटिश संसद में हुई बहस को भारत के 'आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप' और 'वोटबैंक राजनीति' क़रार दिया।

बता दें कि ब्रिटिश संसद के निचले सदन हाउस ऑफ़ कॉमन्स की पिटीशन समिति को एक लाख से अधिक हस्ताक्षर वाला एक ई-पिटीशन सौंपा गया, जिसमें भारत में चल रहे किसान आन्दोलन पर सरकार की प्रतिक्रिया पर चिंता जताई गई थी। पिटीशन समिति ने इसे सदन को भेज दिया और उसके बाद सोमवार को इस पर हाउस ऑफ़ कॉमन्स में बहस हुई। इस बहस में लेबर पार्टी, कंजरवेटिव, लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी और स्कॉटिश नेशनलिस्ट पार्टी के सांसदों ने भाग लिया।