अंतरराष्ट्रीय रिश्तों में तेज़ी से बदलते समीकरणों और उलटफेर के बावजूद भारत और रूस के बीच सामरिक साझेदारी के रिश्तों ने निरंतर गहराई ली है और समय की कसौटी पर खरे उतरे हैं। शीतयुद्ध के बाद नब्बे के दशक में दोनों देशों के रिश्तों पर अमेरिका का ग्रहण लगा, लेकिन 21वीं सदी के शुरू में दोनों देशों ने तय किया कि आपसी रिश्तों को नई ऊँचाई तक पहुँचाने के लिए सालाना एक-दूसरे के यहाँ शिखर बैठकें करेंगे जो बीते 20 सालों के दौरान बेनागे चलती रही।
अमेरिका-पाक दबाव के बावजूद भारत की रूस में दिलचस्पी क्यों?
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- 29 Mar, 2025

प्रधानमंत्री मोदी और रूस के राष्ट्रपति पुतिन।
एक तरफ अमेरिका भारत पर दबाव डाल रहा है कि वह रूस से मिसाइल प्रणाली न ले तो मास्को ने पाकिस्तान को रक्षा उपकरण दिया, जो भारत को बहुत अच्छा नहीं लगा। इसके बावजूद दोनों देशों में सामरिक रिश्ते मजबूत हो रहे हैं।