ऑल्ट न्यूज़, बूम लाइव जैसी फ़ैक्ट चेक करने वाली वेबसाइटों के लिए अब रजिस्ट्रेशन ज़रूरी हो सकता है। उनकी जवाबदेही तय करने के लिए एक विधेयक में इसका प्रावधान किए जाने की तैयारी है। यदि ऐसा हो गया तो फिर ऐसी वेबसाइटें बिना रजिस्ट्रेशन के फ़ैक्ट चेक क्या कर पाएँगी! तो सवाल है कि फ़ेक न्यूज़ का क्या होगा? क्या सरकारी एजेंसी या फिर सरकार द्वारा मंजूर वेबसाइट ही फ़ैक्ट चेक कर पाएँगी?
फ़ैक्ट चेक प्लेटफॉर्मों के लिए रजिस्ट्रेशन ज़रूरी होगा? ऐसे रुकेगी फ़ेक न्यूज़!
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- 22 Jun, 2023
फ़ेक न्यूज़ पर नियंत्रण ज़रूरी है या फिर फ़ेक न्यूज़ का फ़ैक्ट चेक करने वालों का? इस सवाल का जवाब जो भी लेकिन लगता है कि ऑनलाइन फ़ैक्ट चेक करने वालों के लिए परेशानी बढ़ने वाली है। जानें क्यों।

एक रिपोर्ट के अनुसार ऑनलाइन फैक्ट चेक करने वाले प्लेटफार्मों को अधिक जवाबदेह बनाने की सरकार की योजना है। द इंडियन एक्सप्रेस ने सूत्रों के हवाले से यह ख़बर दी है। इसने कहा है कि पता चला है कि इस उपाय को आगामी डिजिटल इंडिया बिल के तहत एक महत्वपूर्ण प्रावधान के रूप में विचार किया जा रहा है।