सैम पित्रोदा के 'पाकिस्तान घर जैसा लगा' बयान से नया विवाद खड़ा हुआ। बीजेपी ने इसे कांग्रेस के कथित ‘पाक प्रेम’ का सबूत बताया। जानें पूरा मामला और राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ।
सैम पित्रोदा फिर विवादों में फँस गए हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पित्रोदा ने कथित तौर पर कहा कि 'पाकिस्तान गए तो घर जैसा लगा' तो बीजेपी ने कांग्रेस पर हमला किया कि यह इस्लामाबाद के प्रति सॉफ्ट रवैया रखती है। इसने यह भी आरोप लगाया कि यह कांग्रेस का 'पाकिस्तान प्रेम' का सबूत है। पित्रोदा के बयान पर एक के बाद एक बीजेपी नेता टूट पड़े।
पित्रोदा के बयान ने बीजेपी को कांग्रेस पर हमला करने का एक नया मौक़ा दे दिया है। तो सवाल है कि आख़िर पित्रोदा ने ऐसा क्या कह दिया कि बीजेपी कांग्रेस को पाकिस्तान से जोड़ते हुए हमला कर रही है? बीजेपी के हमलों को जानने से पहले यह जान लें कि आख़िर पित्रोदा ने पूरा क्या कहा है। सैम पित्रोदा लंबे समय से कांग्रेस के रणनीतिक सलाहकार और गांधी परिवार के करीबी माने जाते हैं। उन्होंने आईएएनएस से एक साक्षात्कार में भारत-पाकिस्तान संबंधों पर अपनी राय रखी। उन्होंने एजेंसी से कहा, 'मैं पाकिस्तान भी गया हूँ, और मैं आपको बता दूँ, मुझे ऐसा लगा जैसे मैं अपने घर में हूँ। मैं बांग्लादेश भी गया हूँ, नेपाल भी गया हूँ, और मुझे ऐसा लगता है जैसे मैं अपने घर में हूँ। मुझे ऐसा नहीं लगता कि मैं विदेश में हूँ। वे मुझसे मिलते-जुलते हैं, वे मेरी तरह बात करते हैं, उन्हें मेरे गाने पसंद हैं, वे मेरा खाना खाते हैं। इसलिए, मुझे उनके साथ शांति और सद्भाव से रहना सीखना चाहिए। यह मेरी पहली प्राथमिकता है।'
विदेश नीति पर बयान
पित्रोदा ने आगे कहा, 'मेरी राय में हमारी विदेश नीति का पहला ध्यान हमारे पड़ोस पर होना चाहिए। क्या हम अपने पड़ोसियों के साथ अपने संबंध वास्तव में बेहतर बना सकते हैं? वे सभी छोटे देश हैं, उन्हें सभी को मदद की ज़रूरत है, वे सभी मुश्किल समय से गुज़र रहे हैं और लड़ने की कोई ज़रूरत नहीं है। बेशक आतंकवाद की समस्या है। लेकिन आखिर में, उस इलाके में, एक समान संस्कृति है।'
उन्होंने कहा कि उन्होंने जब पाकिस्तान की यात्रा की थी तो वहां के लोगों और संस्कृति में उन्हें घर जैसी गर्मजोशी महसूस हुई। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि भारत को अपने पड़ोसी देशों, विशेष रूप से पाकिस्तान के साथ, अधिक संवाद और सहयोग की नीति अपनानी चाहिए। हालांकि, उनके इस बयान को बीजेपी ने भारत की विदेश नीति के खिलाफ और पाकिस्तान के प्रति नरम रुख के रूप में देखा, जिसके बाद विवाद शुरू हो गया।
बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने पित्रोदा के बयान को लेकर कहा कि कांग्रेस का पाकिस्तान से 'बेहद लगाव' है और उसने कथित तौर पर यासीन मलिक के ज़रिए हाफिज सईद से संपर्क किया था।
पूनावाला ने लिखा, "राहुल गांधी के करीबी सहयोगी और नेता, परिवार के मित्र सैम पित्रोदा ने भारतीयों के बारे में नस्लभेदी घिनौनी बातें कहीं। उन्होंने 1984 के सिख विरोधी नरसंहार के लिए 'हुआ तो हुआ' कहा था। वह कहते हैं कि उन्हें पाकिस्तान में घर जैसा महसूस होता है। इसमें हैरानी की क्या बात है - कांग्रेस का पाकिस्तान से बहुत लगाव है। उन्होंने यासीन मलिक के ज़रिए हाफिज सईद से भी बात की!"
उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस हमेशा पाकिस्तान का साथ देती है, जिससे भारत की सुरक्षा और हितों को नुकसान होता है। उन्होंने कहा, "वे 26/11, समझौता, पुलवामा और पहलगाम में पाकिस्तान को क्लीन चिट देते हैं - वे 370, सिंदूर और सर्जिकल स्ट्राइक पर पाकिस्तान का पक्ष रखते हैं और हमारे सैनिकों को कमजोर करते हैं! वे IWT के तहत पाकिस्तान को 80% पानी देते हैं! उन्हें पाकिस्तान से प्यार है! INC इस्लामाबाद नेशनल कांग्रेस है। सैम पित्रोदा, जो भारतीयों को बाँटता है और भारत से दूर अमेरिका में रहता है, उसे पाकिस्तान में घर जैसा लगता है! क्या किसी को हैरानी है?"
बीजेपी प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने कहा, "राहुल गांधी के खास सैम पित्रोदा कांग्रेस ओवरसीज के प्रमुख हैं, कहते हैं कि उन्हें पाकिस्तान में 'घर जैसा महसूस हुआ'। कोई हैरानी नहीं कि UPA ने 26/11 के बाद भी पाकिस्तान के खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई नहीं की। पाकिस्तान का पसंदीदा, कांग्रेस का चहेता!" संबित पात्रा ने कहा, "सैम पित्रोदा का यह बयान कांग्रेस की मानसिकता को दिखाता है, जो हमेशा से पाकिस्तान के प्रति नरम रुख रखती आई है। क्या यह भारत की जनता के हित में है?"
पहले भी हुए हैं पित्रोदा के बयान पर विवाद
पित्रोदा ने पिछले साल अमेरिका के इनहेरिटेंस टैक्स का जिक्र करते हुए कहा था कि भारत में भी इस पर चर्चा होनी चाहिए, जहां मृत्यु के बाद संपत्ति का एक हिस्सा सरकार को मिले। बीजेपी ने इसे संपत्ति जब्त करने की नीति बताकर कांग्रेस पर हमला बोला और इसे मध्यम वर्ग के खिलाफ बताया।
पित्रोदा ने पिछले साल भारत की विविधता पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि पूर्वी भारत के लोग 'चीनी जैसे', दक्षिणी भारत के लोग 'अफ्रीकी जैसे', पश्चिमी भारत के लोग 'अरबी जैसे' और उत्तरी भारत के लोग 'गोरे' लगते हैं। बीजेपी ने इसे नस्लवादी बताकर तीखा हमला किया, जिसके बाद पित्रोदा को इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देना पड़ा।
सैम पित्रोदा ने पहले 1984 के सिख दंगों के बारे में कहा था, '84 में हुआ तो हुआ, आपने पिछले पांच साल में क्या किया, उसकी बात करिए।' इस बयान को बीजेपी ने असंवेदनशील बताकर कांग्रेस पर निशाना साधा और इसे सिख समुदाय के दर्द को नजरअंदाज करने वाला बताया। विवाद बढ़ने पर पित्रोदा को माफी मांगनी पड़ी।
बहरहाल, सैम पित्रोदा का यह ताजा बयान एक बार फिर उन्हें और कांग्रेस को मुश्किल में डाल गया है। यह विवाद ऐसे समय में सामने आया है जब भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव पहले से ही चर्चा में है। जहां एक ओर पित्रोदा के समर्थक इसे शांति की दिशा में एक सकारात्मक कदम बता रहे हैं, वहीं आलोचक इसे राष्ट्रीय हितों के खिलाफ मान रहे हैं। जैसे-जैसे यह विवाद बढ़ रहा है, यह देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस इस मुद्दे को कैसे संभालती है और क्या पित्रोदा अपने बयान पर और स्पष्टीकरण देंगे।