सुप्रीम कोर्ट ने अपनी नयी हैंडबुक में अदालती फैसलों में अनजाने में रूढ़िवादी शब्दों का उपयोग करके लैंगिक पूर्वाग्रहों को बढ़ावा देने को लेकर आगाह किया है। इसके साथ ही इसने कहा है कि इस तरह के पूर्वाग्रहों से बचना चाहिए और इसके प्रति न्यायाधीशों को संवेदनशील होना चाहिए। प्रोस्टिट्यूट, हूकर, होर, कीप, मिस्ट्रेस, स्लट जैसे 40 शब्दों को लैंगिक पूर्वाग्रह वाला क़रार दिया गया है और उनकी जगह नये शब्द इस्तेमाल किए जाने की सलाह दी गई है।
लैंगिक पूर्वाग्रहों वाले शब्द नहीं इस्तेमाल करें : सुप्रीम कोर्ट
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- 16 Aug, 2023
सुप्रीम कोर्ट ने अदालतों में सुनवाई के दौरान इस्तेमाल किए जाने वाले पूर्वाग्रह वाले कई शब्दों को त्यागने और उसकी जगह नये शब्द इस्तेमाल करने का सुझाव दिया है।

भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने बुधवार को 'हैंडबुक ऑन कॉम्बैटिंग जेंडर स्टीरियोटाइप्स' लॉन्च किया। इसमें उन शब्दों की सूची दी गई है कि किन शब्दों की जगह क्या इस्तेमाल किया जा सकता है। इस हैंडबुक को सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड भी किया गया है।