अमेरिकी खुफिया एजेंसी एफबीआई का पोस्टर
विकास यादव पर खालिस्तान समर्थक खालिस्तानी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की नाकाम साजिश को निर्देशित करने में उनकी भूमिका के संबंध में "हत्या के बदले में हत्या और मनी लॉन्ड्रिंग" के आरोप हैं। अमेरिकी जस्टिस डिपार्टमेंट ने कहा, वह "अभी फरार है"। अमेरिकी कोर्ट में जब यह मुकदमा शुरू हुआ था तो विकास यादव की पहचान केवल "सीसी-1" (सह-साजिशकर्ता) के रूप में की गई थी।
एफबीआई के मुताबिक अमानत ही विकास है और विकास यादव ही अमानत है। जबकि भारतीय मीडिया में शुरुआत में सीसी 1 का नाम विक्रम यादव बताया गया था। अमेरिकी अटॉर्नी जनरल मेरिक बी गारलैंड ने कहा, "आज (गुरुवार) के आरोप दर्शाते हैं कि न्याय विभाग अमेरिकियों को निशाना बनाने और खतरे में डालने और उन अधिकारों को कमजोर करने के प्रयासों को बर्दाश्त नहीं करेगा, जिनका हर अमेरिकी नागरिक हकदार है।" एफबीआई ने विकास यादव की तीन तस्वीरों के साथ एक 'वांटेड' पोस्टर भी जारी किया है। एफबीआई के मुताबिक, उसके खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट 10 अक्टूबर को जारी किया गया था। अब पन्नू मामले में दो आरोपियों की पहचान हो चुकी है। जिसमें से निखिल गुप्ता यूएस की कस्टडी में है और विकास यादव भारत में गिरफ्तार है।
हालाँकि, विकास यादव की एक तस्वीर में उन्हें सेना की लड़ाकू वर्दी में दिखाया गया है, लेकिन उनके पास किसी रैंक का एपॉलेट नहीं है। यह तस्वीर 9 जून 2023 की है। अमेरिकी अभियोग में कहा गया है कि वह मूल रूप से सीआरपीएफ से थे और "सहायक कमांडेंट" थे। 18 पेजों के अभियोग चार्ज में न्यूयॉर्क में एक कार में डॉलर का आदान-प्रदान करने वाले दो व्यक्तियों की तस्वीर भी दी गई है। संघीय अभियोजकों ने कहा कि हत्या के लिए निखिल गुप्ता और विकास यादव की ओर से एक व्यक्ति द्वारा कथित हत्यारे को पैसा दिया जा रहा था। जिसे पन्नू की हत्या करना थी।