वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 को गुरुवार को राज्यसभा में पेश किया गया। यह विधेयक बुधवार देर रात को लोकसभा में बहुमत से पारित हो चुका है। लोकसभा में इस विधेयक पर 12 घंटे तक चली बहस के बाद इसे पारित किया गया। विधेयक के पक्ष में 288 और विरोध में 232 वोट पड़े। अब राज्यसभा में अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू द्वारा इसे पेश किए जाने के बाद इस पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस हो रही है। जानिए ताज़ा अपडेट।


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इससे पहले लोकसभा ने बुधवार देर रात वक्फ संशोधन विधेयक, 2025 को मंजूरी दे दी। यह विधेयक 12 घंटे से अधिक चली तीखी बहस के बाद पारित हुआ। इसमें 288 सांसदों ने इसके पक्ष में मतदान किया, जबकि 232 सांसदों ने इसके खिलाफ वोट डाला। इस विधेयक को लेकर सत्तारूढ़ एनडीए और विपक्षी दलों के बीच जमकर बहस हुई। इसमें सरकार ने इसे पारदर्शिता और सुशासन का कदम बताया, वहीं विपक्ष ने इसे असंवैधानिक और अल्पसंख्यक विरोधी करार दिया।
विधेयक में कई अहम बदलाव प्रस्तावित हैं, जैसे वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिम सदस्यों की नियुक्ति, कलेक्टर को वक्फ संपत्तियों की जांच का अधिकार देना, और सरकारी संपत्तियों को वक्फ से बाहर करना। इसके अलावा, वक्फ संपत्तियों को केंद्रीय डेटाबेस में पंजीकृत करना अनिवार्य किया गया है। सरकार का दावा है कि इससे वक्फ संपत्तियों के दुरुपयोग को रोका जा सकेगा और उनकी आय का उपयोग गरीब मुस्लिमों के कल्याण के लिए होगा।