इसराइल-ईरान युद्ध की आशंका से कच्चे तेल की कीमतों में उछाल, सप्लाई चेन पर असर और शेयर बाज़ारों में गिरावट की संभावना बढ़ गई है। जानिए इस टकराव का वैश्विक अर्थव्यवस्था पर क्या असर होगा।
जबकि, दोनों देशों के बीच युद्ध से पहले बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में महंगाई काबू में आती दिख रही थी और यही वजह है कि हाल के समय में कई बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के केंद्रीय बैंक अपने देशों में बैंकों को दिए जाने वाले कर्ज की ब्याज दर में कटौती कर रहे थे।
वैश्विक सप्लाई चेन बंद होने से इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोबाइल और दवाइयों जैसे उद्योगों को नुक़सान हो सकता है। इससे कारखाने बंद हो सकते हैं और बेरोज़गारी बढ़ सकती है।
संयुक्त राष्ट्र और कई देशों ने इसराइल और ईरान से शांति बनाए रखने की अपील की है। कूटनीति और बातचीत से इस तनाव को कम करने की कोशिश की जा रही है। लेकिन अगर युद्ध बढ़ता है तो दुनिया को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ सकता है।