जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को हुए भीषण आतंकी हमले के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बुधवार को घटनास्थल पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। इस हमले में कम से कम 26 पर्यटकों की मौत की ख़बर ने पूरे देश को झकझोर दिया है। अमित शाह ने हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा, 'भारत आतंकवाद के आगे कभी नहीं झुकेगा। इस कायराना हमले के दोषियों को किसी भी क़ीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।' उन्होंने शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की।

अमित शाह ने बुधवार को 26 लोगों के शवों पर पुष्पांजलि अर्पित की। अधिकारियों ने बताया कि शाह ने जीवित बचे लोगों से भी मुलाकात की और आश्वासन दिया कि इस नृशंस कृत्य के दोषियों को न्याय के कटघरे में लाया जाएगा। गृह मंत्री ने बाद में आतंकी हमले के पीड़ितों के परिवारों से बातचीत की।

राजनाथ सिंह ने की एनएसए, तीनों रक्षा प्रमुखों के साथ की बैठक

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार यानी एनएसए अजीत डोभाल, वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह, सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी और नौसेना प्रमुख दिनेश त्रिपाठी के साथ एक अहम बैठक की। यह बैठक जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद बुलाई गई। एएनआई ने सूत्रों के हवाले से बताया कि बैठक में जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा स्थिति से संबंधित सभी मुद्दों पर चर्चा हुई। सूत्रों ने कहा कि इस मुद्दे पर आज होने वाली कैबिनेट सुरक्षा समिति की बैठक में और विस्तार से चर्चा होने की संभावना है।

गृह मंत्री अमित शाह मंगलवार देर रात श्रीनगर पहुंचे और बुधवार सुबह पहलगाम के लिए रवाना हुए। उन्होंने घटनास्थल का दौरा किया और स्थानीय प्रशासन, सेना, सीआरपीएफ़ और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक की। इस बैठक में सुरक्षा व्यवस्था को और मज़बूत करने, आतंकी ठिकानों पर नकेल कसने और घुसपैठ को रोकने की रणनीतियों पर चर्चा हुई। शाह ने कहा, 'हमारी सेना और सुरक्षा बल आतंकवाद को जड़ से ख़त्म करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह हमला कश्मीर की शांति और प्रगति को बाधित करने की साज़िश है, जिसे कामयाब नहीं होने दिया जाएगा।'

राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानी एनआईए की एक टीम को पहलगाम भेजा गया है। इसका नेतृत्व एक इंस्पेक्टर जनरल कर रहे हैं। यह टीम हमले की जांच कर रही है और आतंकियों के स्थानीय समर्थन और हथियारों की तस्करी की संभावनाओं की पड़ताल कर रही है। हमले ने पूरे देश में गुस्से की लहर पैदा की है। सोशल मीडिया पर लोग आतंकवाद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। धार्मिक नेताओं और सामाजिक संगठनों ने हमले की निंदा की और लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की।

पहलगाम के बैसारन घाटी में हुए इस आतंकी हमले की ज़िम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा और उसकी सहयोगी संगठन द रेसिस्टेंस फ्रंट यानी टीआरएफ़ ने ली है। खुफ़िया सूत्रों के अनुसार, हमले का मास्टरमाइंड लश्कर कमांडर सैफुल्लाह है, जो पाकिस्तान से इस साज़िश को अंजाम दे रहा है।

हमले में चार आतंकियों के शामिल होने की जानकारी मिली है, जिनकी तलाश के लिए सेना और सुरक्षा बलों ने पहलगाम के दुर्गम पहाड़ी इलाक़ों में व्यापक सर्च ऑपरेशन शुरू किया है। ड्रोन, हेलीकॉप्टर और थर्मल इमेजिंग का उपयोग करते हुए आतंकियों को खोजने की कोशिश की जा रही है।

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि यह हमला हाल के वर्षों में नागरिकों पर हुआ सबसे बड़ा हमला है। उन्होंने मृतकों की संख्या की पुष्टि अभी नहीं की, लेकिन कहा कि स्थिति साफ़ होने पर आधिकारिक जानकारी दी जाएगी। राज्य सरकार ने मृतकों के परिजनों के लिए 10 लाख रुपये, गंभीर रूप से घायलों के लिए 2 लाख रुपये और अन्य घायलों के लिए 1 लाख रुपये की अनुग्रह राशि की घोषणा की है।

अमित शाह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घटना की पूरी जानकारी दी है। पीएम मोदी ने सऊदी अरब की अपनी यात्रा बीच में छोड़कर भारत लौटने का फ़ैसला किया और बुधवार को कैबिनेट की आपात बैठक बुलाई। शाह ने घायलों के इलाज के लिए हरसंभव मदद का आश्वासन दिया और कहा कि केंद्र सरकार पीड़ित परिवारों के साथ खड़ी है।

हमले के विरोध में बुधवार को कश्मीर घाटी में पूर्ण बंद का आह्वान किया गया। श्रीनगर, बारामूला, अनंतनाग और कुपवाड़ा जैसे शहरों में दुकानें, स्कूल और व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे। सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा, और सुरक्षा बलों ने संवेदनशील इलाकों में गश्त बढ़ा दी। जम्मू में हजारों लोग सड़कों पर उतरे और पाकिस्तान के खिलाफ नारेबाजी की। मंगलवार शाम को पहलगाम और जम्मू में कैंडल मार्च निकाले गए, जिसमें लोगों ने मृतकों को श्रद्धांजलि दी और आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता दिखाई।

पहलगाम हमले के बीच उत्तरी कश्मीर के उड़ी सेक्टर में भारतीय सेना ने घुसपैठ की एक और कोशिश को नाकाम किया। मंगलवार देर रात गोहालन इलाके में नियंत्रण रेखा के पास संदिग्ध गतिविधि देखी गई। सेना ने तुरंत कार्रवाई करते हुए दो आतंकियों को मार गिराया। हालांकि, घने जंगल और एलओसी की निकटता के कारण उनके शव बरामद नहीं हो सके। सेना का सर्च ऑपरेशन अभी भी जारी है।

हमले के बाद श्रीनगर से उड़ानों के किराए में भारी वृद्धि की ख़बरें आई हैं, जिसकी सोशल मीडिया पर कड़ी आलोचना हो रही है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने एयरलाइंस से किराए नियंत्रित करने और रद्द करने या पुनर्निर्धारण शुल्क माफ करने की सलाह दी है।

जम्मू-कश्मीर में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है, लेकिन केंद्र और राज्य सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई का संकल्प दोहराया है।