लोकसभा चुनाव से ऐन पहले कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा के ख़िलाफ़ सीबीआई छापे पर सवाल खड़े हो रहे हैं। विपक्षी दलों ने इस छापे को आने वाले लोकसभा चुनाव से जोड़ा है। यह सवाल इसलिए भी खड़ा हो रहा है कि लंबे समय से लंबित पड़े मामलों में एक के बाद एक विपक्षी दलों के नेताओं पर सीबीआई कार्रवाइयाँ हुई हैं। हालाँकि यह सब मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद से ही शुरू गया है, लेकिन हाल के दिनों में इसमें तेज़ी आई है। इसी महीने अखिलेश के क़रीबियों के ख़िलाफ़ सीबीआई के छापे पड़े। सीबीआई ने इससे पहले मायावती, पी. चिदंबरम और लालू परिवार के सदस्यों पर भी कार्रवाई की है। तृणमूल के कई नेताओं पर भी केस किया। हालाँकि, इन मामलों में विशेष नतीजा नहीं निकला है। कई मामलों में सीबीआई कार्रवाई में देरी भी हुई।