कांग्रेस ने अब सीधे तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 'कुख्यात वोट चोर' कह दिया है। इसने गुरुवार को पीएम पर हमला और तेज़ कर दिया और इसका पोस्टर जारी किया। यह कदम लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के उस दावे के बीच आया है जिसमें वह लगातार बीजेपी पर वोट चोरी का आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया है कि बीजेपी यह सब चुनाव आयोग की मदद से करा रही है। राहुल ने वोटर अधिकार यात्रा में गुरुवार को आरोप लगाया कि बिहार की मतदाता सूची से विशेष गहन संशोधन यानी एसआईआर प्रक्रिया के तहत 65 लाख गरीब और समाज के कमजोर वर्गों के मतदाताओं के नाम हटाए गए हैं। चुनाव आयोग ने इन दावों को खारिज कर दिया है।

कांग्रेस पार्टी द्वारा जारी किए गए पोस्टर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर के साथ 'कुख्यात वोट चोर' लिखा गया है। पोस्टर पर बड़े अक्षर में मिसिंग लिखा हुआ है। पीएम मोदी की तस्वीर के साथ ही इसमें यह भी लिखा है, 'वोट चुराने, वोटर लिस्ट से नाम कटवाने, फर्जी तरीके से चुनाव जीतने में माहिर।' एक्स पर साझा करते हुए लिखा गया है, "गुमशुदा 'वोट चोर' की तलाश है"।
कांग्रेस लगातार दावा कर रही है कि केंद्र में सत्तारूढ़ बीजेपी और चुनाव आयोग ने मिलकर बिहार में मतदाता सूची से बड़े पैमाने पर मतदाताओं के नाम हटाए, विशेष रूप से गरीब, दलित, पिछड़े और अल्पसंख्यक समुदायों को निशाना बनाया गया। यह पोस्टर तब साझा किया गया है जब कांग्रेस की 'वोटर अधिकार यात्रा' का रही है। 

राहुल गांधी के आरोप

राहुल गांधी ने अपनी 'वोटर अधिकार यात्रा' के दौरान बिहार के विभिन्न जिलों में जनसभाओं को संबोधित करते हुए बीजेपी और चुनाव आयोग पर तीखा हमला बोला। उन्होंने दावा किया कि बिहार में एसआईआर प्रक्रिया के तहत 65 लाख मतदाताओं के नाम हटाए गए, जिनमें से अधिकांश गरीब और सामाजिक रूप से कमजोर वर्गों से हैं। भागलपुर में एक रैली में उन्होंने कहा, 'नरेंद्र मोदी और बीजेपी ने चुनाव आयोग के साथ मिलकर बिहार के लोगों का मताधिकार छीनने की कोशिश की है। यह वोट चोरी भारत के संविधान और भारत माता पर हमला है।'
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राहुल ने यह भी आरोप लगाया कि बीजेपी ने 2023 में एक कानून पारित किया, जिसके तहत चुनाव आयुक्तों के खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की जा सकती, ताकि 'वोट चोरी' को कानूनी संरक्षण दिया जा सके। उन्होंने कहा, 'महाराष्ट्र, हरियाणा और कर्नाटक में भी वोट चोरी की गई। बिहार में अब यह दोहराया जा रहा है, लेकिन हम इसे रोकेंगे।' उन्होंने कर्नाटक के महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां 1 लाख से अधिक फर्जी मतदाता थे, जिनके आधार पर बीजेपी ने चुनाव जीता।

बिहार SIR विवाद

बिहार में SIR प्रक्रिया 25 जून से 26 जुलाई 2025 के बीच आयोजित की गई। इसका उद्देश्य मतदाता सूची को अपडेट करना था। ईसीआई ने दावा किया कि इस प्रक्रिया में 22 लाख मृत मतदाताओं, 36 लाख प्रवासियों और 7 लाख दोहरे नामों को हटाया गया। हालांकि, विपक्षी दलों ने इस प्रक्रिया को 'लोकतंत्र पर हमला' करार दिया। विपक्षी दलों ने वोटर सूची में गड़बड़ियों का आरोप लगाया है। 

बोधगया: एक मकान में 947 वोटर

कांग्रेस ने दावा किया है कि बोधगया के बूथ नं. 161, बाराचट्टी विधानसभा में निदानी गांव में आधिकारिक वोटर लिस्ट में 947 वोटर एक ही घर (मकान नं. 6) में रहते हैं। पार्टी ने कहा है हकीकत है कि निदानी में सैकड़ों घर और परिवार हैं, मगर लिस्ट में पूरा गांव एक काल्पनिक मकान में समा गया। पार्टी ने पूछा है कि बीएलओ ने किस तरह डोर-टू-डोर वेरिफिकेशन की? असली मकान नंबर वोटर लिस्ट से क्यों गायब कर दिए गए? इसका फायदा किसे पहुंचाया जा रहा है? पार्टी ने कहा है कि यह कोई साधारण गलती नहीं, बल्कि पारदर्शिता के नाम पर एक मज़ाक है।

सुप्रीम कोर्ट ने 14 अगस्त 2025 को एक आदेश में ईसीआई को हटाए गए 65 लाख मतदाताओं के नाम और उनके हटाने के कारणों को जिला निर्वाचन अधिकारियों की वेबसाइटों पर प्रकाशित करने का निर्देश दिया।

कांग्रेस की 'वोटर अधिकार यात्रा'

कांग्रेस की 'वोटर अधिकार यात्रा' 17 अगस्त 2025 को सासाराम से शुरू हुई थी। इसका उद्देश्य बिहार के मतदाताओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना और SIR प्रक्रिया में कथित गड़बड़ियों के खिलाफ आवाज उठाना है। राहुल गांधी, तेजस्वी यादव और अन्य विपक्षी नेताओं ने इस यात्रा में सक्रिय भाग लिया। मुंगेर में भारी बारिश के बीच एक रैली में राहुल ने कहा, "दो नारे याद रखें: 'वोट चोर गद्दी छोड़' और 'हमें रोजगार चाहिए'।"

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, "चुनाव आयोग बीजेपी का एजेंट बन गया है। यह संविधान और मतदाता अधिकारों के लिए खतरा है।" यात्रा के दौरान, राहुल गांधी ने यह भी दावा किया कि 2024 के लोकसभा चुनावों में भी धांधली हुई थी और उन्होंने अगले छह महीनों में और सबूत पेश करने की बात कही।
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बीजेपी और ECI की प्रतिक्रिया

चुनाव आयोग ने राहुल गांधी के आरोपों को झूठा और भ्रामक बताया और उनसे सात दिनों के भीतर शपथपत्र के साथ सबूत पेश करने या माफी मांगने की मांग की। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा, 'राहुल गांधी के आरोप निराधार हैं और इससे संस्थागत विश्वास को नुकसान पहुँचता है।' बीजेपी प्रवक्ता गौरव भाटिया ने इसे राजनीतिक नाटक करार देते हुए कहा कि कांग्रेस को अदालत में याचिका दायर करनी चाहिए, न कि बेबुनियाद आरोप लगाने चाहिए।

विपक्ष का एकजुट प्रयास

राहुल गांधी के इस कैंपेन ने इंडिया ब्लॉक को एकजुट करने में अहम भूमिका निभाई है। 7 अगस्त को उनके आवास पर आयोजित एक डिनर पार्टी में 25 विपक्षी दलों के 50 नेताओं ने हिस्सा लिया और 'वोट चोरी' के खिलाफ संयुक्त रणनीति बनाई। कांग्रेस ने एक वेब पेज भी शुरू किया है, जहाँ लोग 'वोट चोरी' के खिलाफ अपनी शिकायत दर्ज कर सकते हैं और डिजिटल मतदाता सूची की मांग का समर्थन कर सकते हैं।