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अध्यक्ष चुनने वाली बैठकें छोड़कर क्यों चले गए राहुल-सोनिया?

कांग्रेस में सोनिया गाँधी और राहुल गाँधी की ग़ैर-मौजूदगी में नए अध्यक्ष चुनने की कवायद जारी है। इसके लिए पार्टी के अलग-अलग ज़ोन की बनाई गईं पाँच टीमों की बैठकें चल रही हैं। इनमें सोनिया और राहुल के नाम भी रखे गए थे, लेकिन दोनों ने कांग्रेस अध्यक्ष चुनने की इस प्रक्रिया में शामिल होने से इनकार कर दिया और दोनों बैठक छोड़कर चले गए। यानी ये दोनों नेता चुनाव प्रक्रिया के तहत चल रही बैठकों में शामिल नहीं हो रहे हैं। ऐसी संभावना है कि आज रात तक किसी एक वरिष्ठ नेता को पार्टी का अंतरिम अध्यक्ष चुना जा सकता है। यानी अध्यक्ष चुनने में अभी कुछ वक़्त और लग सकता है।

कांग्रेस का नया अध्यक्ष चुनने के लिए दिल्ली में कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक हुई। इसमें राहुल गाँधी, सोनिया गाँधी और मनमोहन सिंह समेत कांग्रेस के सभी वरिष्ठ नेताओं ने शिरकत की। जैसे कि 'सत्य हिंदी' ने अपने पाठकों को पहले ही बताया था कि कार्यसमिति की बैठक में नए अध्यक्ष का चुनाव नहीं होगा, बल्कि अध्यक्ष चुने जाने की व्यवस्था बनाई जाएगी, ठीक वैसा ही हुआ। बैठक में सबसे पहले राहुल गाँधी के इस्तीफ़े का प्रस्ताव स्वीकार किया गया। उसके बाद पार्टी नेताओं को बैठक में ज़ोन के हिसाब से सुझाव के लिए नेताओं की पाँच टीमें बनाई गईं। अब ये पाँच टीमें ही नए अध्यक्ष के नाम पर सलाह-मशवरा कर रही हैं।

बैठक के लिए सोनिया और राहुल के नाम भी थे, लेकिन सोनिया ने इस पर ऐतराज़ जताते हुए कहा कि वह और राहुल अध्यक्ष के चुनाव की प्रकिया का हिस्सा नहीं हो सकते हैं। नाम कमेटी में डालना ठीक नहीं है, यह कहकर सोनिया और राहुल कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक से बाहर चले गए।

सूत्रों के मुताबिक़ अलग-अलग ज़ोन के हिसाब से चल रही बैठकों में ज़्यादातर नेताओं ने इस बात पर ज़ोर दिया है कि राहुल गाँधी को पार्टी का नेतृत्व करने के लिए पुरज़ोर तरीक़े से मनाने की कोशिश की जानी चाहिए और यदि वह राज़ी नहीं होते हैं तो फिर प्रियंका गाँधी को कांग्रेस अध्यक्ष बनाना चाहिए। इसके लिए तर्क दिया गया कि प्रियंका के नेतृत्व में सबको विश्वास है, वह पार्टी को संगठनात्मक रूप से खड़ी कर सकती हैं और उनके नेतृत्व में पार्टी केंद्र की सत्ता में भी वापसी कर सकती है।

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प्रियंका का नाम क्यों आगे किया?

जिस वक़्त कांग्रेस कार्यकारी समिति की बैठक चल रही थी उस वक़्त प्रियंका गाँधी के पति रॉबर्ट वाड्रा के क़रीबी और दिल्ली कांग्रेस के नेता जगदीश शर्मा अपने समर्थकों के साथ वहाँ पहुँच गए और प्रियंका गाँधी को कांग्रेस अध्यक्ष बनाने की माँग करने लगे। जगदीश शर्मा का कहना है कि रॉबर्ट वाड्रा से शादी के बाद प्रियंका उस परिवार का हिस्सा नहीं रह गई हैं। लिहाज़ा उन्हें अध्यक्ष बनाया जा सकता है। बता दें कि राहुल गाँधी ने अध्यक्ष पद से इस्तीफ़ा देते हुए कह दिया था कि अगला अध्यक्ष गाँधी परिवार से नहीं होगा। उन्होंने साफ़ तौर पर कह दिया था कि उनकी माँ सोनिया गाँधी और बहन प्रियंका के नाम पर विचार नहीं किया जाना चाहिए।

बता दें कि पाँचों टीमों में अलग-अलग विचार होने के बाद जो नाम सामने आएँगे उनमें से एक नाम फ़ाइनल करने के लिए कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक दोबारा बुलाई जाएगी।

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कैसे चुना जाएगा अध्यक्ष?

कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक के बाद कांग्रेस कार्यसमिति को क्षेत्रवार पाँच ज़ोन में बाँटा गया है। इन ज़ोन के नेता अध्यक्ष पद को लेकर कांग्रेस विधायक दल के नेता, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्षों, सांसदों और सचिवों से बात करेंगे। इस चर्चा के बाद कांग्रेस के अंतरिम अध्यक्ष का एलान किया जाएगा। संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल की तरफ़ से बनाए गए ईस्ट ज़ोन में सोनिया गाँधी और वेस्ट ज़ोन में राहुल गाँधी को रखा गया था। सोनिया ने ज़ोन में नाम डाले जाने पर आपत्ति जताई है।

पाँचों ज़ोन में कौन-कौन नेता

वेस्ट जोन : इसमें गुजरात, दादर नगर हवेली, दमन दीव, गोवा, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मुम्बई और राजस्थान शामिल हैं। इस ज़ोन में राहुल गाँधी, मल्लिकार्जुन खड़गे, ग़ुलाम नबी आज़ाद, मोतीलाल वोरा, ए.के. एंटनी, सिद्धारमैया, जितिन प्रसाद, कुलदीप विश्नोई और श्रीनिवासन बी. वी. शामिल हैं।

ईस्ट ज़ोन : इस ज़ोन में सोनिया गाँधी, तरुण गोगोई, कुमारी शैलजा, केसी वेणुगोपाल, जितेंद्र सिंह, आरपीएन सिंह, पीएल पुनिया, दीपेंद्र हुड्डा, शक्तिसिंह गोहिल शामिल हैं। इस ज़ोन में बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल को शामिल किया गया है।

नॉर्थ ज़ोन: नॉर्थ ज़ोन में प्रियंका गाँधी, अविनाश पांडे, पी. चिदंबरम, ज्योतिरादित्य सिंधिया, पीसी चाको और आशा कुमारी शामिल हैं। इन ज़ोन में दिल्ली, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, पंजाब, चंडीगढ़, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश राज्य आते हैं।

नॉर्थ-ईस्ट जोन : नॉर्थ ईस्ट ज़ोन में अम्बिका सोनी, अहमद पटेल, हरीश रावत, दीपक बाबरिया, मीरा कुमार, ओमान चांडी और सचिन राव शामिल हैं। इस ज़ोन में अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मिज़ोरम, नगालैंड, मेघालय, सिक्किम और त्रिपुरा शामिल हैं।

साउथ ज़ोन : साउथ ज़ोन में पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह, आनंद शर्मा, मुकुल वासनिक, रणदीप सुरजेवाला, राजीव साठव, अधीर रंजन चौधरी शामिल हैं। इस इलाक़े में आंध्र प्रदेश, कर्णाटक, केरल, तेलंगाना, तमिलनाडु, लक्षद्वीप और पुडुचेरी शामिल हैं।

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किसका पलड़ा भारी?

सूत्रों के मुताबिक़ गाँधी परिवार मध्य आयु वर्ग के किसी ऐसे शख्स को कांग्रेस का अंतरिम अध्यक्ष चुनना चाहती है जिसे संगठन चलाने का अनुभव हो। इस लिहाज़ से मुकुल वासनिक अंतरिम अध्यक्ष की रेस में अपने प्रतिद्वंद्वियों सुशील शिंदे और मल्लिकार्जुन खड़गे से काफ़ी आगे हैं। मुकुल वासनिक सबसे लंबे समय तक लगातार कांग्रेस महासचिव रहे हैं। इसके अलावा मुकुल वासनिक राजीव गाँधी फ़ाउंडेशन के भी सदस्य रहे हैं। इससे साफ़ होता है कि वह गाँधी परिवार के बेहद क़रीबी हैं।

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यूसुफ़ अंसारी
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