व्यंग्य

हमें मोदी जी समझ रखा है क्या!
बॉर्डरलेस बुफ़े, गरम सिंदूर का तेज प्रवाह और राष्ट्रवाद का राजसूय
महाकुंभ भगदड़ के दोषी श्रद्धालु हैं, वीवीआईपी नहीं!
गोमूत्र- गोबर युग है, खाएं, पियें और देश को 2047 में विकसित बनाएँ!
दिमाग में आया- क्या कुमार विश्वास इन सज्जन का असली नाम है!
हम-तुम ईवीएम में बंद हों और खेल हो जाये
जुगाड़ लगाया तो भी ट्रंप ‘विश्व गुरु’ वाले प्रधान जी को बुला नहीं रहे!
गांधी ज़िंदा होते तो अधनंगा हो देश को बदनाम करने के आरोप में जेल में होते!
चाणक्य ने चंद्रगुप्त मौर्य को इस्तीफा कभी सौंपा था, माफ़ी मांगी थी?
तुम अडानी कहोगे, मैं सोरोस को खड़ा कर दूंगा!
80 करोड़ को मुफ्त राशन के बावजूद गरीबी का भी ‘विकास’!
टैक्स बढ़ाओ और मुसलमानों की पिटाई दिखा दो तो सब चंगा सी!
हिंदुस्तान या मंदिरस्तान?
18-18 घंटे मेहनत के बाद बने जॉम्बीद्वीप की जय हो!
राष्ट्र, महाराष्ट्र और धृतराष्ट्र
रिश्वत हमारा आंतरिक मामला है!
खाने-पीने तक सब सामान मिलावटी हैं, अब ये हिंदी 'शुद्ध' करेंगे!
प्लीज, बता दो और कितना गिरोगे वत्स, किस चौराहे पर चलें?
हिंदुओं को जगानेवाले दिल्ली में सो जाते हैं!
ठोस सबूत को द्रव्य और फिर गैस बनाना कोई ईडी से सीखे!
रावण के पुतले पर चलाया तीर पीएम के श्री चरणों को नमन करता है...!
न खाऊंगा, न खाने दूंगा घोषित करके खाओ तो और उत्तम!
पीएम मोदी की तरह ट्रम्प को आइडिया ही नहीं आया?