भारत की पाकिस्तान को अलग-थलग करने की रणनीति पर सवाल उठ रहे हैं, क्योंकि एशियाई विकास बैंक ने पाकिस्तान को आर्थिक मदद दी है। क्या भारत की विदेश नीति विफल हो रही है?
IMF loan Pakistan 2025। India Pakistan News। Latest Hindi News | Satya Hindi Bulletin। पाकिस्तान को बिना वोटिंग के फंड. IMF ने बताया पाक को कैसे मिले पैसे?
भारत ने विश्व बैंक से पाकिस्तान को दी जाने वाली संभावित 20 बिलियन डॉलर की सहायता और FATF के सामने आपत्तियां उठाने की योजना बनाई है। पाकिस्तान के खिलाफ यह आर्थिक नाकाबंदी कितनी कामयाबी होगी, यही भारत की परीक्षा है।
आईएमएफ़ ने बेलआउट पैकेज के लिए पाकिस्तान पर सख्त शर्तें लागू की हैं। आर्थिक संकट और भारत के साथ बढ़ते तनाव के बीच क्या पाकिस्तान कूटनीतिक और आर्थिक संतुलन बनाए रख सकेगा?
आईएमएफ ने पाकिस्तान के लिए 1 बिलियन डॉलर के लोन को मंजूरी दे दी है, लेकिन भारत मतदान से गैरहाज़िर रहा। अलबत्ता पाकिस्तान के खराब लोन रिकॉर्ड और आतंकवाद को बढ़ावा देने पर उसने काफी ऐतराज किया।
मोदी सरकार ने भारतीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) में केवी सुब्रमण्यन को बतौर कार्यकारी निदेशक भेजा था। लेकिन उनका कार्यकाल अचानक खत्म कर दिया गया। आखिर सरकार ने उनसे क्यों पीछा छुड़ाया और विवाद क्या थाः
वैश्विक अर्थव्यवस्था में पिछले दो दशक के दौरान कई तरह के झटकों के बावजूद जीडीपी के मुकाबले भारत का कर्ज क्यों बढ़ रहा है? जानिए, भारतीय अर्थव्यवस्था में क्या चल रहा है।
यूरोप की अर्थव्यवस्था की स्थिति डाँवाडोल क्यों है? क्यों कुछ देशों में तकनीकी तौर पर आर्थिक मंदी आ गई है? क्या वहाँ की कंपनियों की भी वैसी ही स्थिति है या फिर वे मालामाल हैं?
वैश्विक आर्थिक मंदी का असर क्या भारत पर भी काफ़ी ज़्यादा पड़ने वाला है और क्या इसके संकेत अभी से मिलने लगे हैं? जानिए, आईएमएफ़ ने क्या अनुमान लगाया है।
वैश्विक आर्थिक मंदी की आहट के बीच दुनिया की अर्थव्यवस्था की हालत ख़राब रहने वाली है। हालाँकि दो देशों की अर्थव्यवस्था उम्मीद की किरण की तरह हैं। जानिए, भारत में क्या हालात होंगे।
पाकिस्तान को और अधिक बाहरी मदद तभी मिलेगी जब इस्लामाबाद अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के साथ समझौते पर हस्ताक्षर करेगा, जो संभवत: अगले सप्ताह पूर्ण हो जाएगा।
पाकिस्तान के आर्थिक हालात खराब हैं, इससे उबरने के लिए तमाम प्रयास कर रहा है। लेकिन उसकी कोशिशें अभी तक कामयाब नहीं हो पाईं हैं। बेलआउट पैकैज के लिए आईएमएफ के साथ चल रही बातचीत भी बीच में टूट गई है।
उनको हटाकर शाहबाज शरीफ प्रधानमंत्री बने। लेकिन लगातार बढ़ते आर्थिक संकट के बीच वह कितने दिन तक इस पद पर रह पाएंगे यह देखना बहुत अहम होगा
पाकिस्तान के खराब आर्थिक हालातों के लिए पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को माना जा रहा है क्योंकि उनकी सरकार सब्सिडी समझौतों से मुकर गई, और सौदे में लिखित कर संग्रह के लिए किये जाने वाले सुधारों को पूरा करने में विफल रही।
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष यानी आईएमएफ से ऋण लेने की पाकिस्तान की कोशिशों को झटका लगा है। जाानिए आईएमएफ़ ने क्या कहा है।
जिसका डर था, वही आशंका सामने आई है। विश्व मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने आज मंगलवार को कहा है कि भारत में 2023 में मंदी आ सकती है लेकिन 2024 में हालात मामूली ठीक हो जाएंगे। आईएमएफ ने मंगलवार को विश्व अर्थव्यवस्था आउटलुक रिपोर्ट में यह बात कही।
डायरेक्ट कैश ट्रांसफर स्कीम कितना बड़ा गेम चेंजर है? क्या इससे दुनिया भर के देशों को सीखना चाहिए? जानिए आईएमएफ़ ने क्या कहा।
क्या दुनिया में जिस आर्थिक मंदी की आशंका जताई जा रही है, उसका संकेत अब आईएमएएफ़ ने भी दे दिया है? जानिए, इसने दुनिया भर के देशों और भारत का विकास दर अनुमान क्यों घटाया।
आईएमएफ यानी अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने कहा है कि वह श्रीलंका में स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहा है। तो क्या वह श्रीलंका को बेलआउट करने यानी आर्थिक संकट से उबारने के रास्ते पर आगे बढ़ेगा?
एक के बाद एक अंतरराष्ट्रीय रिपोर्टें 2022-23 के लिए भारत की विकास दर का अनुमान क्यों घटा रही हैं? कोरोना काल से उबरने की जो उम्मीद बंधी थी वह क्यों धूमिल होने लगी है?
आईएमएफ़ के नंबर दो पोजीशन तक पहुँचने वाली भारतीय मूल की पहली महिला बनीं गीता गोपीनाथ। क्या कहा आईएमएफ़ ने?
आईएमएफ़ ने भारतीय अर्थव्यवस्था के तेज़ विकास का अनुमान लगाया है। क्या अर्थव्यवस्था कोरोना महामारी की चपेट से निकल आई है?
भारतीय अर्थव्यवस्था के बदतर होने की आशंकाओं के बीच आईएमएफ़ यानी अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने भारत की अनुमानित विकास दर में कटौती की है।
सरकार भले ही यह दावा करे कि टीके की कोई कमी नहीं है और दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान सही ढंग से चल रहा है, आईएमएफ़ ने अनुमान लगाया है कि इस साल के अंत तक भारत के एक तिहाई लोगों को ही टीका लगाया जा सकेगा।
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ़) ने संभावना जताई है कि भारतीय अर्थव्यवस्था 2021-22 में 11.5 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्ज कर सकती है।
क्या अमेरिका को चीन ने पछाड़ दिया है? क्या कोरोना ने अमेरिका की कमर तोड़ दी है? क्या है चीन के आगे बढ़ने का राज? आशुतोष के साथ चर्चा में- पूर्व सचिव, विदेश मंत्रालय विवेक काटजू और आलोक जोशी।