59 चीनी ऐप पर प्रतिबंध के बाद अब सफ़ाई का मौका क्यों दिया जा रहा है? टिक टॉक ने कहा है कि उसे ऐप पर प्रतिबंध पर सफ़ाई देने के लिए बुलाया गया है।
चीन अचानक क्यों भड़का? क्या भारत चीन के बीच युद्ध या टकराव से समस्या हल होगी? पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के सलाहकार और चीन भारत संबंध के विशेषज्ञ सुधीन्द्र कुलकर्णी से आलोक जोशी की ख़ास बातचीत।
चीनी सेना की रणनीति है कि वह अपने लक्ष्य के इलाके पर सैन्य तैनाती बढ़ाती जाए और बाकी इलाकों को लेकर हमें बातों में फंसा कर रखे।
क्या भारत सरकार चीन को संदेश देने की कोशिश कर रहा है?
चीन के लिए भारत बहुत बड़ा बाज़ार है, रिश्ते बिगड़े तो चीन को हो सकता है अरबों डॉलर का नुक़सान, इसलिए रिश्ते ठीक करना उसके भी हित में है।
भारत सरकार में इस बात को लेकर सहमति बन रही है कि ड्रैगन के साथ बातचीत तो जारी रहनी चाहिए लेकिन ज़रूरत पड़ने पर सैन्य कार्रवाई के लिए भी तैयार रहना चाहिए।
उपग्रह से मिली तसवीरों से यह बिल्कुल साफ़ है कि चीनी सेना ने गलवान घाटी के एक हिस्से पर न सिर्फ कब्जा कर लिया है, बल्कि वहाँ 16 स्थायी कैंप बना लिए हैं।
क्या चीन और भारत की वास्तविक नियंत्रण रेखा पर मौजूदा तनाव की रूपरेखा पिछले साल अगस्त-सितंबर में ही बन गई थी ?
चीन अमेरिका और भारत दोनों से लड रहा है। दुश्मन का दुश्मन दोस्त। क्या भारत अमेरिका पर भरोसा कर सकता है? मशहूर रक्षा विशेषज्ञ कपिल काक से बातचीत।
Suniye Sach में देखिए दिन के सबसे महत्वपूर्ण समाचारों पर हमारा विश्लेषण। वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार के साथ।
India china Border dispute: भारत-चीन सीमा विवाद पर पूर्व सेना प्रमुख जनरल जेजे सिंह से ख़ास चर्चा वरिष्ठ पत्रकार विजय त्रिवेदी के साथ। The Vijai trivedi Show
भारत-चीन बातचीत बहुत लंबी खिंचेगी और भारत को पूरे धैर्य के साथ महीनों इंतजार करना होगा।
भारत ने चीन को साफ-साफ शब्दों में समझाया है कि वह सीमा पर मौजूदा स्थिति को बदलने की कोशिश न करे।
गलवान घाटी, देपसांग और हॉट स्प्रिंग से पीछे हटने की पेशकश कर चीन पेंगोंग त्सो झील के फिंगर-4 और फिंगर-8 पर अपना कब्जा करने की फिराक में है।
एक अख़बार के मुताबिक़ यूरोप में तैनात अपने फ़ौजियों को अमेरिका अब भारत की समुद्री सीमा के पास ला रहा है। उधर लद्दाख़ की सीमा पर चीन अपने सैनिकों की संख्या बढ़ा रहा है। क्या ये युद्ध के संकेत हैं। वरिष्ठ पत्रकार हरि कुमार खोल रहे हैं राज।
चीन भारत को जंग के लिये उकसा रहा। क्या भारत जंग के लिये तैयार है?
अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने कहा है कि उनका देश यूरोप से सैनिकों की कटौती करके एशिया में तैनात करेगा। उसके मुताबिक भारत के साथ टकराव और चीन के बढ़ते ख़तरे को देखते हुए ऐसा करना ज़रूरी है। सवाल ये उठता है कि क्या भारत को इससे खुश होना चाहिए? क्या ऐसा करके अमेरिका भारत को सैन्य मदद देने का भरोसा दे रहा है? पेश है वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार का विश्लेषण।
तिब्बत की निर्वासित सरकार के नेता भारत को आगाह कर रहे है। चीन पर भरोसा ख़तरे से ख़ाली नहीं। स्मिता शर्मा ने की बात।
गलवान में भारतीय जवानों की शहादत और भारत की सीमाओं में चीन घुसपैठ को कांग्रेस ने मुद्दा बना लिया है।
गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों की शहादत को लेकर कांग्रेस ने आज फिर नरेंद्र मोदी सरकार से सवाल पूछे हैं।
चीनी सेना कई किलोमीटर अंदर श्योक-गलवान संगम तक पहुँच गई है। उसने पीपी 14 यानी पैट्रोलिंग प्वाइंट 14 को भारतीय सेना के लिए पूरी तरह काट दिया है।
अमेरिका आग में घी डालने का काम कर रहा है और भारत को अपने पड़ोसी के साथ युद्ध के लिए उकसा रहा है?
भारत ने अब साफ़ साफ़ कहा है कि चीनी सैनिकों ने भारत चीन के समझौते को तोड़ा है और लद्दाख के गलवान घाटी में घुसपैठ की है।
चीनी लद्दाख के गलवान घाटी, पैंगांग त्सो, हॉट स्प्रिंग्स आदि क्षेत्रों में घुस आये हैं और इनके अपना क्षेत्र होने का दावा कर रहे हैं।
ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉन्सन ने भारत-चीन तनाव पर चिंता जताते हुए कहा कि दोनों देश आपसी बातचीत से सीमा विवाद का समाधान निकाल लें।
गलवान में चीनी घुसपैठ अभी भी बरकरार है। PP14 और गलवान घाटी की सैटेलाइट तसवीरें भी आई हैं और सेना के सूत्र भी इसको स्वीकार करते हैं।