भारत जोड़ो यात्रा में विपक्षी दलों के रिस्पॉन्स से मोदी के लिए अच्छे संकेत? क्या विपक्ष लोकसभा चुनाव 2024 के लिए एतजुट नहीं होगा? अगर ऐसा हुआ तो क्या होगा नतीजा? Sharat Ki Do Took में इसी पर चर्चा
भारत जोड़ो यात्रा तो आज 30 जनवरी को खत्म हो गई लेकिन कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने यात्रा के दूसरे चरण का ऐलान भी कर दिया है। इंडियन एक्सप्रेस को दिए गए इंटरव्यू में वेणुगोपाल ने यह बात कही है।
क्यों नहीं हो रही है विपक्षी एकता की कोशिश ? क्यों सुस्त पड़ गये हैं नीतीश ? क्या है ममता का मूड ? क्यों केसीआर, अखिलेश और केजरीवाल क्या विपक्षी एकता के सबसे बड़े दुश्मन है ? क्या विपक्षी एकता की समय से पहले ही मौत हो गयी है ?
नीतीश कुमार ने विपक्षी एकता के लिए जुटने की बात दोहराई है. क्या यह बहुत आसान है? एक तरह अखिलेश यादव, केसीआर ,अरविंद केजरीवाल तो दूसरी तरफ शरद पवार, ममता बनर्जी, उद्धव ठाकरे आदि. क्या यह आसान है?
बीएसपी प्रमुख मायावती ने गठबंधन को लेकर अपनी रणनीति स्पष्ट की है। उन्होंने रविवार को अपने जन्मदिन के मौके पर कहा कि बीएसपी किसी भी दल से गठबंधन नहीं करेगी और अकेले चुनाव लड़ेगी, चाहे वो विधानसभा चुनाव हो या फिर लोकसभा चुनाव हो। मायावती ने ऐसी रणनीति क्यों अपनाई, जानिएः
भारत जोड़ों यात्रा समाप्त होने के मौके पर कांग्रेस ने 21 दलों को न्योता दिया है श्रीनगर की सभा में शामिल होने के लिए. क्या यह विपक्षी एकता की दिशा में कांग्रेस की महत्वपूर्ण पहल है?आज की जनादेश चर्चा.
तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ’ब्रायन ने भाजपा को कैसे हराया जा सकता है इसपर एक अखबार में लिखा है. क्या विपक्ष इस बड़ी चुनौती के लिए तैयार हो रहा है?आज की जनादेश चर्चा.
2024 के आम चुनाव से पहले विपक्षी एकता को लेकर काफी अटकलें लगाई जा रही हैं। लेकिन क्या विपक्षी एकता हो पाएगी? क्या राजनीतिक मजबूरी विपक्ष को एक ला सकती है? Sharat Ki Do Took कार्यक्रम में विपक्षी एकता को लेकर चर्चा.
नीतीश कुमार ने फिर से विपक्षी एकता का राग छेड़ा है। उन्होंने से सबसे बात कर ली है, अधिकांश एक मंच पर आने को तैयार है । क्या विपक्ष वाक़ई एक एकजुट हो मोदी को चुनौती दे पायेगा ? क्या गुजरात की जीत विपक्ष के हौसले पस्त करने के लिये काफ़ी नहीं है ? क्या भारत जोड़ो यात्रा कांग्रेस की क़िस्मत बदल पायेगी और मोदी के खिलाफ पार्टी को खड़ा कर पायेगी?
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा 2024 में शक्तिशाली भाजपा से लड़ने के लिए विपक्षी एकता के नए सिरे से आह्वान ने सत्ताधारी पार्टी के शीर्ष नेताओं को नाराज कर दिया है। लेकिन भले ही बुरी तरह विभाजित विपक्ष अंतत: एकजुट हो जाए, क्या वे प्रधान मंत्री मोदी की वन-मैन फ़ौज की आभा और जादू का मुकाबला कर पाएंगे?
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का राहुल गांधी के नेतृत्व को विपक्षी दलों से स्वीकार करने के आग्रह को लेकर दिया गया बयान विपक्षी एकता की कोशिशों को नुकसान पहुंचा सकता है। खड़गे ने एकतरह से विपक्ष को एकता से पहले राहुल का नेतृत्व स्वीकार करने की सलाह दे डाली। बाकी विपक्षी दलों ने अभी प्रतिक्रिया नहीं दी है।
हरियाणा के फतेहाबाद में विपक्ष की रैली में रविवार को नीतीश कुमार ने साफ कर दिया कि किसी तीसरे मोर्चे की जरूरत नहीं है। कांग्रेस समेत सिर्फ एक मोर्चा ही बीजेपी को हरा सकते हैं।
कांग्रेस ने गुरुवार को विपक्षी एकता का लक्ष्य हासिल करने के नाम पर कांग्रेस को कमजोर करने के लिए सीपीएम, टीएमसी और आम आदमी पार्टी पर तीखा हमला किया। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि कांग्रेस को कमजोर करके विपक्षी एकता का लक्ष्य हासिल नहीं किया जा सकता।
विपक्षी एकता की दिशा में नए रास्ते बनते जा रहे हैं। बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने गुरुवार 8 सितंबर को इस सिलसिले में बहुत महत्वपूर्ण बयान दिया। जानिए पूरी खबर।
बिहार के सीएम नीतीश कुमार अपने मिशन पर दिल्ली पहुंच चुके हैं। उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी से मुलाकात भी कर ली है। उन्होंने दिल्ली पहुंचने के बाद इस बात को फिर दोहराया है कि वो पीएम पद के दावेदार नहीं हैं। वो चाहते हैं कि विपक्ष एकजुट हो। जानिए पूरा घटनाक्रम।
विपक्षी एकता को परवान चढ़ाने के लिए तेलंगाना के सीएम के. चंद्रशेखर राव बुधवार को पटना में बिहार के सीएम नीतीश कुमार और आरजेडी चीफ लालू यादव से मिलने वाले हैं। हालांकि अभी तक केसीआर ने विपक्ष के कई नेताओं से मुलाकात की है लेकिन कोई साफ तस्वीर विपक्षी एकता की बन नहीं पाई है।
मोदी ऐसे करिश्माई नेता जो चौबीस घंटे में सिर्फ कुछ घंटे आराम करते हों उनका मुकाबला विपक्ष का कौन नेता कर सकता है ?क्या कोई नेता है ?आज की जनादेश चर्चा इसी पर
ममता बनर्जी ने लिखा है कि लोकतंत्र पर बीजेपी के द्वारा सीधा हमला किया जा रहा है और वह इसे लेकर काफी चिंतित हैं।
आम आदमी पार्टी क्या गांधीनगर नगर निगम चुनाव में बीजेपी को फ़ायदा पहुँचाने के लिए खड़ी हुई थी? अगले साल जिन पाँच राज्यों में चुनाव होने हैं उनमें से 4 जगह से आप चुनाव लड़ रही है तो क्या विपक्ष को नुक़सान पहुँचाएगी?
केवल एकजुट हो जाने से कम होगा मोदी का जादू? 2024 लोकसभा में जीत किसके लिए टेढ़ी खीर है? देखिये ख़ास चर्चा द विजय त्रिवेदी शो में
मानसून सत्र में सरकार को लगातार अपनी सियासी क़दमताल से हिलाने वाले विपक्षी दलों ने गुरूवार को विजय चौक से संसद तक मार्च निकाला है।
ममता बैनर्जी विपक्षी एकता के लिए इतनी जल्दबाज़ी क्यों कर रही हैं? क्या वे खुद को भावी प्रधानमंत्री के रूप में प्रोजेक्ट करने का इरादा रखती हैं? मुकेश कुमार के साथ चर्चा में शामिल हैं-विनोद शर्मा, राधिका रामशेषन, गौतम लाहिड़ी, नीरेंद्र नागर और आलोक जोशी-
भारतीय लोकतंत्र में कुछ समय से विपक्ष की भूमिका कमज़ोर होती दिखाई दे रही थी। लेकिन पाँच राज्यों के चुनाव ने विपक्ष की एकता की धुरी दे दी है।
प्रतिस्पर्धी का होना बीजेपी या जो भी दल सत्ता में है उसके लिए भी अच्छा होगा। क्योंकि उसे अपने में निरन्तर सुधार लाने का दबाव बना रहेगा। क्या बीजेपी के मुक़ाबले में कोई पार्टी है? क्या कोई रास्ता है?
महाराष्ट्र में क्या बीजेपी का वह क़िला ढग गया जहाँ ग़ैर-बीजेपीवाद पनपने के आसार हैं? क्या बीजेपी के विरोधी रहे दल अब एकजुट होंगी? और अधिक ऊर्जा के साथ? क्या बीजेपीवाद को चुनौती देने का केंद्र यानी गढ़ बनेगा महाराष्ट्र? क्या मोदी-शाह की जोड़ी वाली पार्टी के लिए बड़ी चुनौती होगी। सत्य हिंदी पर देखिए शैलेश की रिपोर्ट।
भारतीय राजनीति में ग़ैर-कांग्रेसवाद का एक बड़ा दौर रहा है लेकिन अब क्या देश आने वाले समय में ग़ैर-भाजपावाद की राजनीति की ओर बढ़ने वाला है? क्या कांग्रेस विचारधारा से समझौता करेगी?