लोकसभा चुनावों में हार के बाद राहुल गाँधी पद से इस्तीफ़े की पेशकश पर अड़े हुए हैं। राहुल को पद पर बने रहने के लिए मनाने की तमाम कोशिशें फिलहाल नाकाम हो गई हैं।
क्या गाँधी परिवार के बिना चल पायेगी कांग्रेस? जुड़िए वरिष्ठ पत्रकार यूसुफ़ अंसारी के साथ।
लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद कांग्रेस एक बड़े संकट में फँस गयी है। राहुल का कहना है कि अध्यक्ष कोई और बने। पर क्या कांग्रेस बिना नेहरू गाँधी परिवार के चल पायेगी? एक रह पायेगी?
कांग्रेस अब एक लोकतांत्रिक पार्टी नहीं, प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बन चुकी है। यदि राहुल का इस्तीफ़ा हो ही जाता तो बताइए कि क्या यह कंपनी विधवा नहीं हो जाती? इसका बोझ कौन उठाता?
यह वही अमेठी है, जहाँ से राहुल गाँधी की जीत का एलान महज औपचारिकता भर होती थी। जहाँ गाँधी परिवार का सूरज आज तक सिर्फ़ एक बार 1977 में अस्त हुआ था।
बीजेपी की जीत के बाद कांग्रेस के सामने यह सवाल फिर से मुँह बाये खड़ा है कि वह अब क्या करे? क्या कांग्रेस को नया नेतृत्व चाहिए?
केंद्र में नई सरकार बनाने को लेकर विपक्ष की मोर्चेबंदी की कमान आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने संभाल ली है। उन्होंने राहुल गाँधी के साथ बैठक की। वह और भी कई नेताओं से मिलेंगे।
मोदी के विकल्प के लिए क्या है कांग्रेस की रणनीति? देखिये वरिष्ठ पत्रकार शैलेश का विश्लेषण।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी ने प्रेस कॉन्फ़्रेंस कर कहा है कि लोकसभा चुनाव में चुनाव आयोग का जो रोल रहा है, वह पूरी तरह पक्षपातपूर्ण रहा है।
चुनाव पूर्व के कुछ अनुमान हैं कि एनडीए 200 से 250 सीटों तक सिमट सकता है। ऐसे में नरेंद्र मोदी का पीएम बनना मुश्किल है। तो कौन होगा पीएम- गडकरी, राजनाथ सिंह, राहुल गाँधी, मायावती, ममता बनर्जी या कोई और?
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी ने एक इंटरव्यू के दौरान एक निजी चैनल के संपादकों को बगलें झाँकने को मजबूर कर दिया।
लोकसभा के पाँचवें चरण के चुनाव में क्या होगा राहुल, राजनाथ और सोनिया का? देखिये वरिष्ठ पत्रकार शैलेश और शीतल पी. सिंह की चर्चा।
लखनऊ से सुल्तानपुर की यात्रा में पाँच लोकसभा क्षेत्रों से गुज़रने का मौक़ा मिला। लखनऊ और सुल्तानपुर में तो सामान्य स्थिति दीखी, लेकिन अमेठी में नहीं। पढ़िये, लखनऊ से सुलतानपुर तक की चार और पाँच मई की यात्रा रिपोर्ट।
पाँचवे चरण के मतदान से पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चुनाव हार रहे हैं।
लोकसभा चुनावों के बीच राहुल गाँधी ने एक इंटरव्यू में प्रधानमंत्री मोदी पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने चुनौती दी कि प्रधानमंत्री स्टेज पर खड़ा होकर वे बातें नहीं कह सकते हैं जो वह 2014 में कह रहे थे।
अपने डेढ़ दशक के लंबे राजनैतिक जीवन में पहली बार कड़े मुक़ाबले में फँसे राहुल गाँधी ने अमेठी का क़िला फ़तह करने के लिए पहली बार 100 से ज़्यादा बाहरी नौजवानों की फ़ौज उतार दी है।
दिल्ली में हुए कुछ पिछले चुनावों के आँकड़ों से यह समझा जा सकता है कि अगर ‘आप’ और कांग्रेस का गठबंधन होता तो बीजेपी के लिए ख़ासी मुश्किल पैदा हो सकती थी।
सर्वोच्च न्यायालय अभी तक तो बीजेपी सांसद मीनाक्षी लेखी की याचिका पर विचार कर रहा था लेकिन अब उसने राहुल को अदालत की अवमानना का औपचारिक नोटिस जारी कर दिया है।
रफ़ाल सौदे पर सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले को लेकर दिए गए बयान पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी ने सुप्रीम कोर्ट में ख़ेद जताया है। राहुल गाँधी ने कहा है कि चुनाव प्रचार की उत्तेजना में उन्होंने यह बयान दिया था।
अवमानना मामले में सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गाँधी को नोटिस जारी करते हुए 22 अप्रैल तक जवाब देने को कहा है। बीजेपी ने राहुल के ख़िलाफ़ कोर्ट की अवमानना का केस दर्ज कराया था।
बीजेपी इस बात को लेकर परेशान है कि राहुल गाँधी हर मंच से 'चौकीदार चोर है' के नारे लगवाते हैं। पार्टी अब उन्हें सुप्रीम कोर्ट की अवमानना के बहाने घेरने की कोशिश में है।
क्या राहुल गाँधी की जान को ख़तरा है? कांग्रेस का कहना है कि राहुल जब अमेठी में नामांकन भरने के बाद मीडिया से बातचीत कर रहे थे तो वे सात बार निशाने पर रहे। गृह मंत्रालय ने कहा है कि वीडियो में दीख रही 'ग्रीन लाइट' मोबाइल की है।
अमेठी के लिए नामांकन भरने के साथ ही राहुल गाँधी ने रफ़ाल को लेकर प्रधानमंत्री पर निशाना साधा। राहुल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने आज यह साफ़ कर दिया है कि चौकीदार चोर है।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी ने अमेठी से नामाँकन दाख़िल कर दिया है। इस दौरान उनके साथ सोनिया गाँधी, प्रियंका गाँधी वाड्रा, रॉबर्ट वाड्रा मौजूद रहे।
राहुल गाँधी के वायनाड में रोड शो के वक़्त दिखे हरे झंडों पर अफवाह फैलाई गई कि यह पाकिस्तान के झंडे हैं। जिसके बाद बीजेपी धार्मिक धुर्वीकरण की कोशिश में जुट गई।
बीजेपी कह रही है कि राहुल गाँधी अमेठी में हार के डर से भागकर वायनाड चले गए हैं। इस मुद्दे पर हुई चर्चा में शामिल हैं वरिष्ठ पत्रकार शैलेश और आशुतोष।