लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद कांग्रेस एक बड़े संकट में फँस गयी है। राहुल गाँधी ने नैतिक ज़िम्मेदारी लेते हुये इस्तीफ़ा दे दिया है और पार्टी के तमाम दबाव के बावजूद वह इस्तीफ़ा वापस लेने को तैयार नहीं हैं। कांग्रेस वर्किंग कमेटी उन्हें मनाने में लगी है। राहुल का कहना है कि अध्यक्ष कोई और बने। वह पार्टी में बने रहेंगे। पर क्या कांग्रेस बिना नेहरू गाँधी परिवार के चल पायेगी? एक रह पायेगी?